चीन (China) सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि जापान को भी आंख दिखाने की कोशिश कर रहा है और दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते प्रभाव व मनमानी को देखते हुए जापान अब बड़ा कदम उठाने जा रहा है. जापान द्वारा उठाए जा रहे कदम से समझा जा सकता है कि, वह भी चीन की नापाक हरकतों को देखते हुए सख्त रवैया अपना चुका है और ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए एक मजबूत प्लान भी तैयार किया है. अगले साल जापान बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास करने वाला है और सबसे खास बात ये है कि जापान ने अमेरिका और फ्रांस के साथ कोई त्रिपक्षीय युद्धाभ्यास नहीं किया है.
चीन की हरकतों पर मिलेगा जवाब
मालूम हो कि, जापान और चीन के रिश्तों में पिछले कुछ वक्त से खटास आ गई है और अब जापान चीन के खिलाफ एक नई तिकड़ी बनाने जा रहा है. जिसमें जापान के साथ फ्रांस और अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश होंगे. इन तीन देशों की तिकड़ी चीन की हरकतों को माकूल जवाब देने की तैयारी में है और त्रिपक्षीय युद्धाभ्यास अगले साल मई में होगा.
क्या है त्रिपक्षीय युद्धाभ्यास का उद्देश्य
जापानी अखबार सैंकेई शिम्बुन (Sankei Shimbun) की रिपोर्ट की मानें तो तीन देश मिलकर जापान के एक निर्जन द्वीप पर समुद्री और जमीनी इलाकों में युद्धाभ्यास करेंगे. इस दौरान तीनों देशों की नौसेना प्राकृतिक आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्य की तैयारियों पर गौर करेगी. लेकिन इस त्रिपक्षीय युद्धाभ्यास का सबसे मुख्य उद्देश्य चीन के खिसाफ रक्षात्मक तैयारियों को बढ़ाना है. हालांकि, अब तक इस युद्धाभ्यास को लेकर जापान की सरकार द्वारा कुछ कहा नहीं गया है और ना ही रक्षा मंत्रालय की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी हुआ है,
चीन की जापान को गीदड़ भभकी
दरअसल, चीन और जापान के बीच जो विवाद छिड़ा है वो पूर्वी चीन सागर स्थित द्वीपों को लेकर है. दोनों देशों का मानना है कि, निर्जन द्वीपों पर उनका हक है और 1972 से द्वीपों का प्रशासन चीन के नहीं बल्कि जापान के हाथों में है. ऐसे में अब चीन का इन द्वीपों पर जबरन कब्जा जमाना और ये कहना है कि द्वीप उसके अधिकार में है. ये जापान को पसंद नहीं आ रहा. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने तो इन द्वीपों पर कब्जे के लिए सैन्य कार्रवाई तक की धमकी दे दी है. ऐसे में ड्रैगन को करारा जवाब और नापाक हरकतों को अंजाम देने से रोकने के लिए जापान भी तैयारियों भी जुट गया है.