विकास दुबे की कहानी में कुछ ऐसे भी किरदार रहे, जो दगाबाजों की भूमिका में नजर आए। फिलहाल पुलिस का शिकंजा ऐसे सभी दगाबाजों पर कसता जा रहा है। इन्हीं में से एक है, विकास दुबे का खंजाची रहा जय वाजपेई। जय फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में है। उससे पूछताछ का सिलसिला है, मगर पूछताछ की इस कड़ी में वो जिस तरह के खुलासे कर रहा है। वो यकीनन हैरान कर देने वाला है। इन्हीं में एक यह खुलासा हुआ है कि जय वाजपेई विकास दुबे का दोस्त नहीं बल्कि उसका दुश्मन निकला। पुलिस जांच में हुए हैरतअंगेज खुलासे इस बात की तस्दीक करते हुए नजर आ रहे हैं कि जय वाजपेई चेहरे पर दोस्त का मुखौटा पहनकर दुश्मन का किरदार अदा कर रहा था।
इतना ही नहीं.. जय वाजपेई विकास दुबे की सारी संपत्ति हड़पना चाहता था। उसके सम्राज्य की कमान अपने हाथों में लेना चाहता था। लेकिन हैरत की बात तो यह है कि इतने सालों तक विकास के संपर्क में रहने के बावजूद भी इसकी भनक विकास को कभी नहीं लगी थी। जय वाजपेई विकास की काली कमाई को अलग-अलग कारोबार में लगाकर ठिकाने लगाने का काम करता था और इसके एवज में मिलने वाले मुनाफे को वो उसे रिटर्न कर दिया करता था। यहीं नहीं, बिकुरू घटना से एक दिन पहले एक तरफ जहां विकास दुबे ने रकम और असलहे पहुंचाए तो वहीं दूसरी तरफ राहुल तिवारी की मदद भी की थी।
विकास की काली कमाई को ठिकाने लगाने वाले जय वाजपेई को इस बात पर पूरा विश्वास था कि यदि कभी विकास पुलिस की गिरफ्त में आया तो पुलिस एनकाउंटर में मारा जाएगा और या नहीं तो पुलिस की गिरफ्त में बुरी तरह फंस जाएगा और कुल मिलाकर हुआ भी वही। लेकिन हां जय वाजपेई को इस बात का तनिक भी बोध नहीं था कि वो कभी पुलिस की गिरफ्त में जाएगा, मगर इस मर्तबा उसका पासा पूरी तरह से उल्टा पड़ा गया और अब आलम यह है कि वो पुलिस की गिरफ्त में बुरी तरह से फंस चुका है। जय वाजपेई की सत्ता में भी अच्छी खासी पैठ बनी हुई थी। जब जिसकी सरकार आती.. तो तब जय अपनी पैठ बना लेता और अपने काले इरादों को बेहद असानी से अजाम देने में सफल हो जाता था।