लद्दाख में चीन के विश्वासघात के बाद चीनी सामान और चीनी निवेश का विरोध भारत में बढ़ता ही जा रहा है. इस बीच कोलकाता में एप आधारित फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो में काम कर रहे डिलीवरी ब्वॉयज के एक ग्रुप ने इस कंपनी से सामूहिक इस्तीफा देने का फैसला किया है. जोमैटो में चीन की एक कंपनी का भारी मात्रा में पूंजी निवेश है. कंपनी में काम कर रहे डिलीवरी ब्वॉयज जोमैटो में चीनी निवेश का विरोध कर रहे हैं.
डिलीवरी ब्वॉयज ने जोमैटो की टी शर्ट जलाई
जोमैटो के बहिष्कार करने की अपील करते हुए लगभग एक दर्जन जोमैटो स्टाफ ने कंपनी की टी शर्ट जला दी. जोमैटो में काम कर रहे ये लड़के दक्षिण कोलकाता में बेहला पुलिस स्टेशन के सामने जमा हुए और जोमैटो की टी शर्ट जलाई. हाथों में तिरंगा लिए हुए जोमैटो के ये स्टाफ ‘चाइनीज एजेंट जोमैटो भारत छोड़ो’ के नारे लगा रहे थे.
प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल दीपांकर कांजीलाल नाम के एक डिलीवरी ब्वॉय ने कहा कि जोमैटो का समझौता चीन की कंपनी अलीबाबा के साथ है, आज हमने जोमैटो की नौकरी छोड़ दीया है और उम्मीद करते हैं कि लोग भी इस कंपनी का बहिष्कार करेंगे.”
भूखे रहने को तैयार हैं…
जब जोमैटो के इन स्टाफ से पूछा गया कि कंपनी छोड़ने के बाद इनकी रोजी-रोटी कैसे चलेगी तो उन्होंने कहा कि वे भूखे रहने को तैयार हैं, लेकिन देश पर बुरी नजर डालने वालों के साथ कतई काम नहीं करेंगे.
हमारे सैनिकों को निशाना बना रहा चीन
एक डिलीवरी एजेंट ने कहा, “चीनी हमारे ही पैसे का इस्तेमाल कर हमारे सैनिकों को निशाना बना रहे हैं, यदि हमारे सैनिक सुरक्षति नहीं हैं तो हम सुरक्षित कैसे रहेंगे. इसलिए हम जोमैटो का बहिष्कार कर रहे हैं.” एजेंट ने कहा कि हमारे 50 से 60 लोगों ने जोमैटो एप को अपने फोन से भी हटा दिया है.
जोमैटों में भारी-भरकम चीनी पूंजी निवेश
बता दें कि जोमैटो फूड डिलीवरी स्टार्टअप कंपनी है. इसका मुख्यालय हरियाणा के गुरुग्राम में है. साल 2008 में इस कंपनी की स्थापना पंकज चढ्ढ़ा और दीपेंदर गोयल नाम के दो कारोबारियों ने की थी.
रिपोर्ट के मुताबिक एंट फाइनेंशियल, जो कि चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा की सब्सिडयरी कंपनी है, ने साल 2018 में जोमैटो में 14.7 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीदी है. इसके लिए कंपनी ने जोमैटो में 210 मिलियन डॉलर का निवेश किया है.