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खामेनेई ने भेजा मैसेज, फिर हूती विद्रोहियों ने खोल दिया नया मोर्चा; ईरान पर अटैक से पहले ट्रंप को मिली नई टेंशन

एक तरफ इजरायल और ईरान (Israel and Iran) के बीच जंग जारी है. वहीं, दूसरी तरफ गल्‍फ ऑफ अदान में यमन (Yaman) के हूती विद्रोहियों (Houthi Rebels) ने एक नया मोर्चा खोल दिया है. ईरान के करीबी हूती विद्रोहियों की योजना मिडिल-ईस्‍ट के इस रीजन में अमेरिका (America) को उलझाने की है. यही वजह है कि ईरान के एक इशारे पर हूती इस युद्ध में उतर आए हैं. दरअसल, यह आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका किसी भी वक्‍त इजरायल-ईरान जंग में कूद सकता है. इसी कड़ी में अमेरिका को दूर रखने के लिए ईरान की यह एक योजना हो सकती है.

हूती विद्रोहियों ने एक नया मोर्चा खोलकर वैश्विक समीकरण को और जटिल कर दिया है. ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने गल्फ ऑफ अदन में पलाऊ-ध्वज, यूक्रेन-स्वामित्व और पोलैंड-संचालित कार्गो जहाज एम/वी वर्बेना पर दो एंटी-शिप क्रूज मिसाइलें दागीं, जिसमें एक एक व्‍यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया. अमेरिकी सेंट्रल कमांड यानी CENTCOM के अनुसार, जहाज को नुकसान पहुंचा और आग लग गई, जिसे चालक दल नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है. यह हमला हूतियों की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वे गाजा में इजरायल-हमास युद्ध के समर्थन में लाल सागर और गल्फ ऑफ अदन में जहाजों को निशाना बना रहे हैं.

हूती विद्रोहियों को ईरान का प्रॉक्‍सी माना जाता है. हूतियों का यह हमला केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि ईरान की व्यापक कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है. बढ़ते तनाव के बीच इजरायल ने हाल ही में ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए. फिर ईरान ने जवाबी मिसाइल हमले किए. ऐसे में हूतियों का यह कदम अमेरिका को क्षेत्रीय संघर्ष में उलझाने की कोशिश है. विश्लेषकों का मानना है कि ईरान इस हमले के जरिए अमेरिका का ध्यान इजरायल-ईरान टकराव से हटाकर लाल सागर और गल्फ ऑफ अदन की ओर मोड़ना चाहता है.

अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप पहले ही यह कह चुके हैं कि वो इजरायल ईरान जंग में कूद भी सकते हैं और नहीं भी. ऐसे में हूती विद्रोहियों के हमले से अमेरिका की सैन्य और कूटनीतिक ऊर्जा अब यमन से निपटने में खर्च होगी, जिससे ईरान को इजरायल के खिलाफ अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका मिलेगा. अमेरिका और ब्रिटेन ने हूतियों के हथियार भंडार को कमजोर करने के लिए कई हवाई हमले किए हैं, लेकिन हूती हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे. मार्च में एम/वी ट्रू कॉन्फिडेंस पर हुए हमले में तीन नाविकों की मौत इसका उदाहरण है.