बेसिक शिक्षा को समाज और राष्ट्र की आधारशिला बताते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर विद्यालय में शिक्षक और छात्र का अनुपात हर हाल में बनाए रखा जाएगा। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के लिये हर विद्यालय में पर्याप्त शिक्षक होंगे।
लोकभवन सभागार में सोमवार को बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम उन्होंने 3300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ किया। योगी ने शिक्षा के क्षेत्र में पिछले आठ वर्षों में हुए अभूतपूर्व बदलावों की सराहना की और भविष्य के लिए बेसिक शिक्षा परिषद के कार्यों के एक नए मॉडल की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि यह बच्चों के भविष्य को संवारने का सबसे मजबूत हथियार है।
योगी ने कहा कि ऑपरेशन कायाकल्प, मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय और निपुण आकलन जैसे कार्यक्रमों के साथ उत्तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच रहा है। उन्होंने बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत प्रदेश के 139 उच्चीकृत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के नवनिर्मित भवनों व अतिरिक्त डॉरमेट्री का लोकार्पण किया। साथ ही 43 मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालयों एवं 66 मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालयों का शिलान्यास भी किया। इस दौरान उन्होंने ड्रेस, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा एवं स्टेशनरी क्रय हेतु प्रति छात्र-छात्रा 1200 रुपये की धनराशि उनके अभिभावक के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित किया। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में जर्जर भवन, गंदगी और अव्यवस्था का बोलबाला था। छात्रों की कमी और ड्रॉपआउट दर अधिक थी, लेकिन ऑपरेशन कायाकल्प ने इस तस्वीर को बदल दिया।
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के लगभग सभी विद्यालय इस अभियान से जुड़ चुके हैं और शेष 2-3 प्रतिशत विद्यालय भी इस वर्ष कायाकल्प के दायरे में आ जाएंगे। इन स्कूलों में अब शौचालय, पेयजल, खेल मैदान, स्मार्ट क्लास, और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्कूलों में छात्रों की संख्या 800-1200 तक पहुंच गई है। सीएम ने कहा कि यह शिक्षा का एक नया मॉडल है, जो बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समग्र विकास के अवसर प्रदान कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की भूमिका पर विशेष जोर देते हुए कहा कि शिक्षक और छात्र का अनुपात हर हाल में बनाए रखा जाएगा। शिक्षकों की कमी नहीं होगी। हर विद्यालय में पर्याप्त शिक्षक होंगे, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। उन्होंने बीएड और एमएड के छात्रों को निपुण आकलन कार्यक्रम में शामिल करने का सुझाव दिया, ताकि उन्हें फील्ड अनुभव मिले और वे स्मार्ट क्लास और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी आधुनिक सुविधाओं से परिचित हो सकें। उन्होने कहा कि यह उनके लिए एक नया अनुभव होगा और शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाएगा।