उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए सोमवार को दावा किया कि 2017 के पहले आम व्यक्ति भी बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अपने बच्चों को भेजना नहीं चाहता था। मुख्यमंत्री ने यहां मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालयों एवं मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालयों का शिलान्यास करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों की पूर्व में दुर्दशा और मौजूदा सुधारों पर विस्तार से बात की।
उन्होंने प्रस्ताव कार्यक्रमों के बारे में कहा कि आज 3,300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के साथ ही बेसिक शिक्षा परिषद अपने कुछ कार्यक्रमों के जरिए उप्र के भविष्य को संवारने के लिए एक नये कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है। बुनियादी शिक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने विगत आठ वर्षों में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में आमूल चूल परिवर्तन करने की दिशा में कदम बढ़ाये हैं।
उन्होंने कह कि इसके लिए परिषद के सभी शिक्षकों को हृदय से बधाई देता हूं और सबका हृदय से अभिनंदन करता हूं। उन्होंने राज्य के विद्यालयों के जीर्णोद्धार और बेहतर व्यवस्था के लिए शुरू किये ‘आपरेशन कायाकल्प’ के बारे में कहा, ‘इस अभियान के साथ स्कूलों के कायाकल्प की यात्रा प्रारंभ होती है और आज मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय और मुख्यमंत्री अभ्युदय विद्यालय के रूप में शिक्षा के एक नये मॉडल को प्रस्तुत करने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद उतावला दिखाई दे रहा है।’’
उन्होंने पूर्ववर्ती की सरकारों के कार्यकाल में सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘याद करिए वह समय जब विद्यालयों में छात्र-छात्राएं नहीं थे, विद्यालय बंद होने की कगार पर खड़े थे, भवन जर्जर पड़े थे, गंदगी हुआ करती थी, अव्यवस्था हुआ करती थी। ऐसे में एक पहल की आवश्यकता थी।’
योगी ने कहा, ‘प्रदेश में सरकार बदलते ही (2017 में) पहल प्रारंभ हुई तो संबंधित विद्यालयों के प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और उनसे जुड़े अन्य सहयोगियों ने मिलकर कार्य किया। आज आप देख सकते हैं कि प्रदेश के लगभग सभी विद्यालय ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के साथ जुड़ चुके हैं।’’
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया, ‘जो थोड़े बहुत दो-तीन प्रतिशत विद्यालय बचे होंगे, मुझे लगता है कि इस वर्ष वे भी ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ से बेहतर हो जाएंगे।’ योगी ने बच्चों के बीच में पढ़ाई छोड़ने का कारण बताते हुए कहा, ‘स्कूल में जब पढ़ाई का माहौल नहीं रहता तो बच्चे स्कूल से पलायन कर जाते हैं। 2017 के पहले आम व्यक्ति भी बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अपने बच्चों को भेजना नहीं चाहता था।’