महाकुंभ (Maha Kumbh) से मंगलवार को लौटी श्रद्धालुओं (Devotees) की भीड़ ने मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के बाद हुई भीड़ को पीछे छोड़ दिया है। गोदौलिया से दशाश्वमेध की ओर लोगों को जाने से रोक दिया गया। आसपास की गलियों से होते हुए लोग गंगा किनारे पहुंचे। इस कारण गोदौलिया-जंगमबाड़ी मुख्य मार्ग से घाट की ओर जाने वाली गलियों में जाम की स्थिति रही। भीड़ के कारण गंगा आरती पर भी रोक लगी दी गई है। इस दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर की लाइन में लगे-लगे ही मंगलवार को तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई। तीनों महाकुंभ से बनारस लौटे थे।
तीनों काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन के लिए गेट नंबर चार से कतार में लगे थे। इसी बीच अचानक बेहोश हो गए। मंडलीय अस्पताल पहुंचने से पहले तीनों ने दम तोड़ दिया। परिजन इनके शव लेकर चले गए। पोस्टमार्टम नहीं होने से मौत के कारणों का पता नहीं चल सका। मृतकों में बिहार के छपरा निवासी 42 वर्षीय संजय शाह, सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) निवासी 54 वर्षीय मुन्ना लाल और पश्चिमी दिल्ली की 64 वर्षीय शक्ति माथुर शामिल हैं।
एक साधु समेत दो लोग भर्ती
जूना अखाड़े के 69 वर्षीय रामगिरी साधु के हाथ-पैर में खिंचाव होने पर मंगलवार को मंडलीय अस्पताल भर्ती कराया गया। डॉक्टरों की जांच में उनका बीपी लो और ऑक्सीजन लेवल कम था। डॉक्टरों ने कहा कि 24 घंटे मॉनिटरिंग के बाद ही आगे की डायग्नोसिस तैयार होगी। वहीं मध्य प्रदेश के देवास जिले के राकेश कुमार भी नीचीबाग में अचेत होकर गिर गए थे। उधर स्वास्थ्य विभाग की टीम कैंट और बनारस स्टेशन सहित काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं को परामर्श दे रही है। मंगलवार को एक हजार से अधिक श्रद्धालुओं को परामर्श दिया गया। अधिकांश लोगों में बीपी, घबरहाट, पैरों में सूजन आदि की समस्या थी।
गंगा किनारे प्रचंड भीड़
गंगा किनारे डॉ. राजेंद्र प्रसाद घाट से राणा महल घाट तक स्नान करने वालों की प्रचंड भीड़ रही। गंगा स्नान करने के बाद लोग यह तय नहीं कर पा रहे थे कि विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के लिए वे गंगा द्वार की ओर जाने वाली कतार में खड़े हों या फिर गोदौलिया, हौजकटोरा, बांसफाटक होते हुए ज्ञानवापी की ओर बढ़ रही कतार में खड़े हों। दोनों ही कतारें बेहद लंबी और घनी रहीं।
अस्सी घाट पर गंगा आरती में मंगलवार को लाखों की संख्या में लोग नजर आ रहे थे। पूर्णिमा का स्नान करने के लिए दशाश्वमेध और अस्सी घाट पर जुटने वाली ग्रामीण क्षेत्र की भीड़ को पुलिस प्रशासन ने विनम्रता पूर्वक लौटा दिया। ग्रामीण क्षेत्र की भीड़ को शहर में प्रवेश से पहले रोका गया।
चौबेपुर से क्षेत्र के आसपास के दर्जनों गांवों से दशाश्वमेध घाट के निकली भीड़ के साथ आ रहे बर्थराकला निवासी गुग्गू पांडेय ने बताया कि उनके गांव के लोगों का समूह जब आशापुर क्षेत्र में पुराना आरटीओ ऑफिस से थोड़ा आगे बढ़े थे कि वहां तैनात पुलिसवालों ने मेगाफोन से यह अनुरोध किया कि शहर में प्रयागराज से लौटे लोगों की जबरदस्त भीड़ है। गंगा किनारे पक्के घाटों पर भी स्थान कम पड़ रहा है। आप सभी से प्रशासन का सहयोग करने की अपेक्षा है। आप से विनम्र अनुरोध है कि आप लोग अपने-अपने क्षेत्र के आसपास की पवित्र जलधारा में स्नान करें।
गंगा आरती पर रोक, केवल सांकेतिक होगी
भारी भीड़ के चलते पुलिस-प्रशासन की ओर से गंगा आरती पर रोक लगा दी गई है। दशाश्वमेध, अस्सी, अहिल्याबाई, केदार समेत अन्य जितने घाट से गंगा आरती होती है, वहां पर 15 फरवरी तक केवल सांकेतिक आरती का निर्देश दिया गया है। डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि अत्यधिक भीड़ की वजह से आरती पर रोक लगा दी गई है। केवल एक व्यक्ति छत से सांकेतिक रूप से गंगा आरती करेगा।
शाम छह बजे के बाद कोई भी नौका-बोट, क्रूज नहीं चलेगा
डीसीपी ने बताया कि शाम छह बजे के बाद गंगा में हर तरह के नाव, बोट और क्रूज के संचालन पर रोक लगा दी गई है। शाम को गंगा विहार नहीं होगा। निर्देश की अवहेलना पर नाव चालक और मालिक पर कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि अस्सी से राजघाट आने-जाने के लिए गंगा में अलग-अलग रूट हैं। सभी नाविकों को लाइफ जैकेट, नाव में रस्से, टार्च अन्य सुरक्षा के उपकरण रखने होंगे। किसी भी पर्यटक से मनमाना किराया और बदलसूली पर केस दर्ज होगा।