Breaking News

फिरोजपुर ट्रिपल मर्डर केस में खुलासा: दिलदीप था छह हमलावरों का मुख्य निशाना

फिरोजपुर ट्रिपल मर्डर केस में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) के एआईजी गुरमीत चौहान ने बड़े खुलासे किए। उन्होंने बताया इस ट्रिपल मर्डर केस की गुत्थी को सुलझाने के लिए ऑपरेशन डेजर्ट शुरू किया गया।

पंजाब पुलिस की ओर से महाराष्ट्र के औरंगाबाद से छह शूटरों की गिरफ्तारी के साथ सनसनीखेज फिरोजपुर ट्रिपल मर्डर केस को सुलझाने के दो दिन बाद मामले की जांच से पता चला है कि हमलावरों का मुख्य निशाना मृतक दिलदीप था, जबकि ट्रिपल मर्डर में दो अन्य एक छोटी लड़की सहित गोलीबारी में अनजाने में मारे गए। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान तरनतारन के चोहला साहिब के गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी बाबा, फिरोजपुर के कुंडे गांव के प्रिंस, फिरोजपुर के बस्ती बाग वाली के रहने वाले रविंदर सिंह उर्फ रवि उर्फ सुखू, सुखचैन सिंह, अक्षय उर्फ बगीचा और राजबीर सिंह उर्फ दलेर सिंह के रूप में हुई है। पंजाब की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ), फिरोजपुर जिला पुलिस, केंद्रीय एजेंसियों और महाराष्ट्र पुलिस ने संयुक्त रूप से औरंगाबाद में हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे एक्सप्रेस हाईवे से आरोपियों की गिरफ्तारी की।

तीन सितंबर को हुई थी हत्याएं
एआईजी एजीटीएफ संदीप गोयल ने बताया कि तीन सितंबर को दोपहर करीब 12:50 बजे दिलदीप सिंह, अनमोलप्रीत सिंह, जसप्रीत कौर, आकाशदीप और हरप्रीत उर्फ जोंटी फिरोजपुर शहर के कंबोज नगर स्थित गुरुद्वारा श्री अकालगढ़ साहिब के पास एक कार में जा रहे थे, तभी छह अज्ञात हमलावरों ने उन पर फायरिंग कर दी। इस घटना में दिलदीप सिंह उर्फ लल्ली, आकाशदीप सिंह और उनकी बहन जसप्रीत कौर की मौत हो गई, जबकि दो अन्य अनमोलप्रीत सिंह और हरप्रीत सिंह घायल हो गए, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

एआईजी एजीटीएफ गुरमीत चौहान, एआईजी एजीटीएफ संदीप गोयल और एसएसपी फिरोजपुर सौम्या मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी छह आरोपियों को फिरोजपुर लाया गया है। आगे की पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड हासिल करने के लिए सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा

दिलदीप सिंह, बुवनेश चोपड़ा और हरप्रीत सिंह के बीच थी दुश्मनी
अब तक की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दिलदीप सिंह और बुवनेश चोपड़ा उर्फ आशीष और हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी मल के बीच निजी दुश्मनी के कारण यह हत्या कराई गई। उन्होंने बताया कि मृतक दिलदीप सिंह का पहले भी आपराधिक इतिहास रहा है। मुख्य आरोपी बुवनेश चोपड़ा उर्फ आशीष के प्रत्यर्पण के प्रयास किए जा रहे हैं।

ऑपरेशन डेजर्ट से मिली सफलता
एआईजी गुरमीत चौहान ने बताया कि घटनास्थल से सुराग जुटाने और मृतक व्यक्तियों की पृष्ठभूमि जानने के लिए ऑपरेशन डेजर्ट शुरू किया गया था और तकनीकी जांच के बाद काउंटर इंटेलिजेंस और फिरोजपुर पुलिस ने आरोपी दलजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान आरोपी दलजीत ने खुलासा किया कि उसे पीड़ितों की रेकी करने और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने का काम दिया गया था। आगे सुराग विकसित करते हुए, एजीटीएफ ने महाराष्ट्र के नांदेड़ के इलाके में संदिग्धों की आवाजाही पर नजर रखी। 6 और 7 सितंबर की मध्यरात्रि को 3 बजे एडीजीपी एजीटीएफ प्रमोद बान, पंजाब द्वारा केंद्रीय एजेंसियों और महाराष्ट्र पुलिस के साथ इनपुट साझा किए। जिसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी हुई।