सरकारी नौकरी के चक्कर में मत पड़िए। आप सभी कुशल हैं, जिसे सरकार कौशल विकास के जरिए दिशा दे रही है इसका लाभ उठाएं। हाल ही में पुलिस परीक्षा के लिए 45 लाख लोगों ने फॉर्म भरे जबकि 60200 लोगों को ही नियुक्ति मिलनी है। स्पष्ट कहा कि सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए नियम हैं ऐसे में सरकारी योजनाओं का लाभ लेना चाहिए। ये बातें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के 36 वें दीक्षांत समारोह में समारोह अध्यक्ष कुलाधिपति राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहीं।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए एक साथ होकर एकजुट होकर और आपसी सहयोग से हमें काम करना होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन से नेतृत्व नहीं मिलेगा, नेतृत्व जमीन स्तर पर काम करने से मिलेगा। उनका यह बयान सोमवार को विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के घंटो चले हमले के संदर्भ में देखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि 90 फीसदी वालों को सरकारी नौकरी मिल जाएगी लेकिन 60 फीसदी वालों को कौशल विकास करना होगा। मौजूदा समय लाइन में खड़े होने का नहीं है, रोजगार के लिए प्रयास करते हुए कौशल विकास करते रहें। युवाओं को स्टार्टअप तथा स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से विद्यार्थियों के लिए की जा रही व्यवस्था और योजनाओं की जानकारी दी।
कुलाधिपति ने कहा कि जाति-बिरादरी के चक्कर में पड़कर देश पर चढ़ रहा है। हम सभी ईश्वर के दरबार में समान हैं। कोई ऊंचा है न कोई नीचा है, कोई किस बिरादरी का है इन बातों को लेकर हमें नहीं भटकना है। शिक्षा से ही उन्नति कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राएं अपनी डिग्री लेने आया करते थे जिनमें लोग उनसे रुपये भी मांगते थे लेकिन अब यह डिग्रियां डिजिलॉकर में सेव कर दी गई हैं और विद्यार्थी घर बैठे इनका प्रिंट आउट निकाल सकते हैं। उन्होंने कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला को जल्द ही अंक तालिका भी अपलोड करने को कहा।
दीक्षांत समारोह में 220 छात्र-छात्राओं को पदक दिए गए। इनमें से एक मेधावी को चार, आठ को तीन-तीन, 41 को दो-दो और 110 को एक-एक स्वर्ण पदक मिला।
माताओं को पढ़ाने पर दिया जोर
समारोह में कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा पदकधारियों की महती जिम्मेदारी है कि वे अनपढ़ माताओं को प्राथमिक शिक्षा मुहैय्या कराएं तभी उनके पदक की महत्ता बढ़ेगी। किसी भी देश की निर्माण की आधारशिला शिक्षा होती है। शिक्षकों को इसका महत्व समझना चाहिये।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि विवि का 36वां दीक्षांत समारोह है। इसमें छात्राओं की संख्या बढ़ती जा रही है। मैने देखा कि 516 पदकधारियों में 82 प्रतिशत छात्राओं का स्थान है। विवि को गर्ल्स यूनिवर्सिटी बना देना चाहिये। छात्रों के लिये अलग से बना देना चाहिये। मैंने कुलपति से कहा लेकिन उसके हाथ में नहीं है। पदक जीतने वालों और उनके अभिभावकों को बधाई। कई माताएं भी आई। एक मां से पूछा तो वो बोली मैं नहीं पढ़ी हूं लेकिन बेटी पदक जीत रही है। बेटी पढ़ रही हैं और मां अनपढ़ हैं। इसमें मां को पढ़ाना चाहिये। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।
माताओं को कक्षा पांच तक पढ़ाना चाहिये तभी आपका अवाॅर्ड सही माना जाएगा। आप सब जानते हैं कि पढ़ाई का माहौल बनाना पड़ता है। अनपढ़ माताओं को ढूंढ कर उनका सम्मेलन करना चाहिये। इसकी शुरुआत मेरठ से होनी चाहिये।