भारत सरकार ने सीमा से लगे गांवों को विकसित करने के लिए वाइब्रेंट विलेज योजना शुरू की थी, इस योजना में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ का गुंजी गांव भी शामिल है. इन दिनों गुंजी गांव को पूरे देश में फेमस हो रहा है वजह है, यहां मौजूद पवित्र आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा, जिसका यह पहाड़ी गांवअ हम पड़ाव है. आदि कैलाश यात्रा में इस बार रिकॉर्ड तोड़ पर्यटक यहां आ चुके है.
धार्मिक पर्यटन में सबसे अहम माने वाले गुंजी को शिवधाम बनाया जा रहा है, जिसके लिए राज्य सरकार ने पूरा खाका तैयार कर लिया है. शिवधाम बन जाने के बाद यहां आने वाले यात्रियों को यहां विशेष सुविधाएं तो मिलेंगी ही साथ ही यह जगह उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन स्थलों में सबसे आगे होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलाश आने के बाद कैलाश मानसरोवर, आदि कैलाश और ओम पर्वत के प्रवेश द्वार गुंजी को विकसित करने की तैयारी तेज हो गई है. गुंजी को शिवधाम के रूम में विकसित करने के लिए भारत सरकार से 23 करोड़ रुपये भी मिल गए हैं. इस जगह पर शिव पुराण ऑडिटोरियम बनने जा रहा है. जो आध्यात्म का विशेष केंद्र बनेगा.
अभी सिर्फ 2 महीने में ही 20, 000 के ज्यादा यात्री आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन कर चुके हैं. वर्तमान में मानसूनको देखते हुए इनर लाइन परमिट जारी नहीं किए जा रहे हैं. लगातार बढ़ रही पर्यटकों की संख्या और उन्हें बेहतर सुविधाएं मिलें, इसके लिए 10500 फुट की ऊंचाई पर गुंजी में शिवधाम के अंतर्गत नंदी द्वार, पर्यटन सुविधा केंद्र, आगंतुक कक्ष बनाने पर काम किया जा रहा है. इसके अलावा स्थानीय लोगों के लिए दुकानें, टी-कैफे, पर्यटकों की सुविधा के लिए तीन कॉटेज, 10 कमरे और सूचना केंद्र बनाया जाएगा.
जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति आर्य ने बताया कि पर्यटन विभाग ने मास्टर प्लान बनाने के लिए भारत सरकार को 70 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था, जिसके सापेक्ष प्रथम चरण में 23 करोड़ रुपये स्वीकृत हो गए हैं, अब जल्द ही गुंजी में निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.