भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह को लेकर खबरें लगातार आ रही हैं। रविवार को खेल मंत्रालय के फैसले के बाद वह बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई, यह तो सामने नहीं आया। लेकिन इसके बाद बृजभूषण शरण सिंह ने पत्रकार वार्ता के दौरान कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने कहा कि वह अब कुश्ती की राजनीति से संन्यास ले रहे हैं और जीवन में कभी भी कुश्ती संघ का चुनाव नहीं लड़ेंगे।
Brij Bhushan Singh will meet Home Minister Amit Shah : वहीं अब खबर सामने आ रही है कि बीजेपी सांसद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात करेंगे। इस बाबत जब बृजभूषण सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि अभी तक ऐसा कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अमित शाह हमारी पार्टी के नेता हैं, उनसे मैं मुलाकात करूंगा। लेकिन इस दौरान कुश्ती को लेकर कोई बातचीत नहीं होगी। वहीं खेल मंत्रालय के फैसले को लेकर उन्होंने कहा कि मेरा उससे कोई लेना-देना नहीं है। मैं कुश्ती की राजनीति से संन्यास ले चुका हूं।
इसके साथ ही खेल मंत्रालय के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती देने के सवाल पर उन्होंने बताया कि यह फैसला संजय सिंह को लेना है। मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं हैं। संजय सिंह अलग हैं और मैं अलग हूं। वह क्या करेंगे, इसका जवाब मैं कैसे दे सकता हूं। इसके साथ ही उन्होंने फिर से दोहराया कि वह गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे, लेकिन इस दौरान कुश्ती को लेकर कोई बातचीत नहीं होगी।
नए पहलवानों और बृजभूषण शरण सिंह को लेकर चल रहे विवाद के बीच भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने WFI की नई बॉडी को सस्पेंड कर दिया है। जिसके बाद भारतीय कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष संजय सिंह और उनकी पूरी टीम सस्पेंड कर दी गई है। खेल मंत्रालय ने यह बड़ा फैसला ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक के संन्यास लेने और बजरंग पुनिया का पद्मश्री वापस सम्मान वापस लेने के बाद उठाया है।
इसके साथ ही खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ के आगामी सभी कार्यकर्मों को भी रद्द कर दिया है। खेल मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि नए संघ ने नियमों के खिलाफ जाकर आगामी टूर्नामेंट और कार्यक्रमों का ऐलान किया था। जिसमें अंडर-15 और अंडर-20 के नेशनल नंदिनी नगर गोंडा में कराए जाने का फैसला लिया गया था। साक्षी मलिक समेत कई महिला पहलवानों ने इस पर सवाल खड़े किए थे। खेल मंत्रालय ने आदेश में कहा है कि कुश्ती संघ में अब अगले आदेशों कोई भी फैसला नहीं ले सकेगा।