राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और बीजेपी को पाकिस्तान का जासूस बताकर मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह बुरे फंसते दिख रहे हैं। लोअर कोर्ट और स्पेशल कोर्ट के फैसलों के खिलाफ वो मध्य प्रदेश हाईकोर्ट पहुंचे थे अलबत्ता उनको राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने कहा कि केस तो चलेगा ही।
दरअसल दिग्विजय सिंह ने 31 अगस्त 2019 में एक वक्तव्य दिया था कि संघ और बीजेपी पाकिस्तान के जासूस हैं। एडवोकेट अवधेश सिंह ने ग्वालियर के JMIC (जूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास) की कोर्ट में याचिका दायर करके पूर्व सीएम के खिलाफ मानहानि की धारा 499 और 500 के तहत केस चलाने की मांग की थी। एडवोकेट का कहना था कि वो संघ का मेंबर है और बीजेपी से भी जुड़ा है। दिग्विजय सिंह के बयान से उसे निजी तौर पर धक्का लगा है। लिहाजा न्याय के लिए वो कोर्ट के सामने आकर अपनी गुहार लगा रहे है। उसकी दरख्वास्त को सुना जाना चाहिए।
20 जून 2022 को जूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास ने शिकायत को दर्ज करने का आदेश जारी किया था। जबकि इसी साल 22 नवंबर को MP/MLA कोर्ट के स्पेशल जज ने भी शिकायत का संज्ञान लिया। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा कि उन्हें राहत दी जाए।
उधर दिग्विजय सिंह का कहना है कि एडवोकेट अवधेश सिंह को उनके खिलाफ केस दायर करने का कोई हक नहीं है। वो पीड़ित पक्ष नहीं है। अगर किसी को उनके बयान से दिक्कत हो सकती है तो वो बीजेपी है। लिहाजा पार्टी के अध्यक्ष या सचिव को उनके खिलाफ केस दायर करना चाहिए। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अवधेश सिंह बीजेपी के सदस्य हैं। वो चाहे तो केस कर सकते हैं।
दिग्विजय सिंह का ये भी कहना था कि मजिस्ट्रेट को पहले सीआरपीसी की धारा 202 के तहत शिकायत की जांच करनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अदालत ने एडवोकेट की शिकायत पर एक्शन ले लिया। जबकि वो न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में रहते भी नहीं हैं।