भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों ने बड़ी संख्या में सैन फ्रांसिस्को में भारत के वाणिज्य दूतावास के सामने शांति रैली निकाली। बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में वाणिज्य दूतावास के बाहर अलगाववादियों ने तोड़फोड़ की थी। खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने बीते रविवार को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमलाकर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया था।
खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की ओर से लगाए गए अस्थायी सुरक्षा अवरोधकों को तोड़ दिया था और वाणिज्य दूतावास परिसर के अंदर दो तथाकथित खालिस्तानी झंडे लगा दिए थे। हालांकि वाणिज्य दूतावास के दो कर्मियों ने जल्द ही इन झंडों को हटा दिया था। इसी घटना के विरोध में भारत के साथ एकजुटता दिखाने के लिए बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकियों ने शुक्रवार को सैन फ्रांसिस्को और उसके आसपास तिरंगा झंडा फहराया।
भारतीय मूल के लोगों ने तिरंगे के साथ अमेरिका का भी झंडा लहराया
उन्होंने अलगाववादी सिखों की विनाशकारी गतिविधियों की निंदा की। इस दौरान कुछ अलगाववादी सिख भी वहां मौजूद थे। मौके पर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय पुलिस मौजूद थी। कुछ अलगाववादी सिखों ने खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए, लेकिन बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकियों ने ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए और अमेरिका के साथ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज लहराया। भारतीय-अमेरिकी भारत के पक्ष में नारे लगा रहे थे। हाल के महीनों में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थकों की ओर से भारत विरोधी गतिविधियों में वृद्धि हुई है, जिन्होंने इन देशों में कुछ हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की है।
भारत ने खालिस्तान समर्थकों के हमले के खिलाफ अमेरिका के समक्ष विरोध दर्ज कराया
भारत ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय महावाणिज्य दूतावास के बाहर खालिस्तानी समर्थकों की ओर से तोड़फोड़ किए जाने की घटना पर सोमवार को दिल्ली में अमेरिकी राजदूत के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया था। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी सरकार को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उचित उपाय करने चाहिए। अमेरिका में करीब 42 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं। भारतीय मूल के लोग (31.8 लाख) की आबादी के साथ अमेरिका में तीसरे सबसे बड़े एशियाई जातीय समूह हैं।