गायक-राजनेता सिद्धू मूसे वाला (sidhu moose wala) की गोली मारकर हत्या के छह महीने बाद उनके पिता (father) बलकौर सिंह (Balkaur Singh) ने “बेटे के लिए न्याय” पाने के लिए राजनीति में शामिल होने का संकेत (signs involved in politics) दिया। मानसा के गांव मूसा में पंजाबी गायक के प्रशंसकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बेटे की मौत से कोई नेता नहीं बन सकता, लेकिन अगर बेटे को न्याय दिलाने के लिए नेता बनना पड़े तो वह हिचकेंगे नहीं। इससे पहले रविवार को वो एक बड़े हादसे (major accident) में बाल-बाल बचे। उनके दो गनमैनों की आपस में लड़ाई हो गई। एक ने दूसरे के पेट पर सरकारी गन से फायर कर दिया। हालांकि बलकौर सिंह सही-सलामत हैं।
बलकौल सिंह ने कहा, ‘सिद्धू इसलिए चला गया क्योंकि कुछ लोगों ने गैंगस्टरों का साथ दिया, लेकिन मैं नहीं चाहता कि गैंगस्टरों के कारण पंजाब में दूसरी मांओं के बेटे मरें।’
मूसे वाला की हत्या के सिलसिले में मनसा पुलिस द्वारा पंजाबी गायक बब्बू मान से पूछताछ को लेकर बलकौर ने कहा कि सिद्धू का मान के साथ कोई मुद्दा नहीं था और यह केवल मंच की प्रतिद्वंद्विता थी। मूसे वाला की हत्या के मामले में मनसा पुलिस ने बुधवार को पंजाबी गायक बब्बू मान और मनकीरत औलख से पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी।
सिंगरों की आपसी लड़ाई ने मारा
बलकौर ने कहा कि उनके बेटे ने अपनी मेहनत से कम समय में दुनिया के सभी बड़े मुकाम हासिल कर लिए। “मेरे बेटे ने अपनी प्रतिभा के दम पर ही काम शुरू किया, जिससे बब्बू मान सहित कई अन्य लोगों को जलन होने लगी। मैं अकारण किसी का नाम व्यक्तिगत द्वेष के कारण नहीं ले रहा हूं। गायकों के बीच प्रतिस्पर्धा के कारण मैंने अपना बेटा खो दिया। यह सब दिर्बा में एक शो से शुरू हुआ और पुलिस ने सिद्धू के खिलाफ आर्म्स एक्ट का मामला भी दर्ज किया, जबकि उसका इससे कोई संबंध नहीं था।
उन्होंने कहा कि विक्की मिधुखेरा की हत्या के बाद वह खुद सिद्धू को उनके परिवार से दुख जताने ले गए थे, लेकिन जब उनके बेटे की हत्या हुई तो उनके घर से कोई नहीं आया।