एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना का खुलासा हुआ है. ये घटना बरनाला की है, जहां एक 22 साल की युवती को 8 महीने तक बंद रखा गया और उसके साथ रेप किया गया। पीडिता के बयान के आधार पर इस मामले में पुलिस ने 2 महिलाओं समेत 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इन 7 लोगों में से एक शिरोमणि अकाली दल के नेता है। इसके अलावा युवती को डराने-धमकाने के मामले में 3 थानेदारों को भी सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस ने युवती का मेडिकल टेस्ट कराया है। युवती के बयान को मजिस्ट्रेट ने दर्ज कर लिया है।
क्या है पूरा मामला
पूछताछ में पीड़िता और उसके भाई ने बताया कि पिछले साल 24 जून 2020 को उनके घर किराए पर रह रही एक औरत युवती को समझा-बुझा कर एक आदमी के यहां ले गए, जहां पर पहले से ही एक बाबा और कुछ महिलाओं समेत 20 से 25 लोग थे। यहां पर उसे कोल्ड्रिंक पिला कर बेहोश कर दिया गया, जिसके बाद वहां पर मौजूद बाबा और अन्य लोगों ने युवती का बलात्कार किया । उन्होंने बताया कि उनकी बहन को 17 दिन बरनाला जिले के गांव पंधेर में रखा गया और उसके बाद जिला संगरूर के एक गांव में 3 दिन रखा गया। उन्होंने बताया कि उसके बाद वो लोग युवती को बठिंडा लेकर गए, जहां पर उन लोगों ने 70,000 रुपये लेकर जबरदस्ती उसकी शादी करवा दी ।
शिकायत दर्ज करने पर थानेदार ने डराया
इस घटना की शिकायत जब उन्होंने बरनाला में दर्ज करवाई तो वहां के थानेदार ने उससे पैसों की मांग की , जिसके बाद उन्होंने बरनाला के एसएसपी से मिलने की भी कोशिश की, लेकिन वो उनसे मिल ना पाई। उन्होंने बताया कि इसके बाद उनके केस को किसी दूसरे थानेदार को दे दिया गया। बरनाला पुलिस के तीन थानेदारों द्वारा युवती को आरोपियों के हक में बयान देने के लिए डराया। युवती के भाई ने बताया की बठिंडा में उसकी बहन को 30,0000 रुपये में बेचने की बातचीत चल रही थी जिसको उनकी बहन ने सुन लिया और वह किसी तरह वहां से निकल कर भाग आई और अपनी मां को संपर्क किया था।
नशे की हालत में मिली थी युवती
मां को युवती ने अपने बारे में बताया तो युवती का भाई उसे लेने गया, उस समय वह नशे की हालत में थी।अपनी बहन को सरकारी अस्पताल बरनाला में भर्ती करवाया। इस पूरे मामले में उन्होंने तथाकथित बाबा और अन्य आरोपियों एवं बरनाला पुलिस के तीन थानेदारों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है। लड़की ने आरोप लगाते हुए कहा है कि आरोपियों द्वारा उसे लगातार परेशान किया जा रहा था और उसे धमकियां दी जा रही थी। वहीं पीड़िता ने अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग करते हुए कहा कि उन्हें आरोपियों से जान का खतरा है।
पुलिस ने बताई अलग ही कहानी
बरनाला के डीएसपी सिटी लखबीर सिंह टिवाणा ने वह इस मामले पर बिल्कुल अलग ही बात कही है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 10 जुलाई 2020 को एफईएआर नंबर 340 पीड़िता की मां ने शिकायत की थी, कि उसकी बेटी को उनके घर में किराए पर रहने वाली एक महिला बरगला कर ले गई है। इस पर पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था, लेकिन कुछ दिन बाद युवती ने खुद ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने ये बयान दिया कि उसे कोई भी बरगला कर नहीं लेकर गया था वह बालिग है और अपनी मर्जी से गई थी और उसने शादी कर ली है, जिसके बाद पुलिस ने अपनी जांच बंद कर दी थी। अब 23 फरवरी को फिर से बरनाला के सरकारी अस्पताल से उन्हें सूचना मिली कि युवती अस्पताल में भर्ती हुई है, जिसके बाद उन्होंने इसकी सूचना तुरंत एसएसपी बरनाला को दी है। इस ड्यूटी मजिस्ट्रेट को मौके पर बुलाकर लड़की के बयान दर्ज करवाए गए । इस पर युवती ने 2 महिलाओं समेत 7 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, इनमें से एक अकाली दल का नेता भी है। युवती ने 3 पुलिस थानेदारों की भी शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।