भारत की जनता हैरान है कि प्रधानमंत्री सहित सभी केंद्रीय मंत्री और भाजपा के नेता दावा कर रहे थे, कि अगले 4 साल में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत की होगी। 5 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का दावा किया जा रहा था। लेकिन 40 दिन के लॉक डाउन के बाद जिस तरह की आर्थिक स्थिति देश की बन रही है उससे हर आदमी हैरान है।
दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले कोरोना की लड़ाई में भारत ने टेस्टिंग मात्र 150 करोड़ रुपए खर्च किए है। अमेरिका जैसे देश ने केवल टेस्टिंग में 7000 करोड रुपए से अधिक खर्च कर दिया है। भारत के मुकाबले अमेरिका की आबादी बहुत कम है। अमेरिका ने आर्थिक पैकेज के रूप में भारत की तुलना में कई गुना ज्यादा पैकेज अपने नागरिकों को दे दिया है। भारत को कोरोना से निपटने के लिए एशियाई बैंक से कर्ज लेना पड़ा। अभी तक राज्यों, उद्योगपतियों, बेरोजगारों को कोई आर्थिक पैकेज केन्द्र सरकार ने घोषित नहीं किया है। जिसके कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार और उसके नेता जो दावा कर रहे थे। कोरोना संकट के 40 दिन की तालाबंदी से सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं। इससे जनता भविष्य को लेकर हैरान और परेशान हैं।