कोरोना महामारी संकट के बाद भी आतंकियों की साजिशे जारी हैं. ऐसे में शनिवार को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में आतंकियों के साथ हुई मुठेभड़ के बाद से ही देश के दो सेना अफसर समेत सुरक्षा बलों के पांच जवान के लापता होने की खबर मिली है, जो काफी चौंकाने वाली है. बताया जा रहा है कि आतंकी जिस घर में छिपकर वार कर रहे थे, उसमें जाने के बाद से ही जवानों और अफसरों से संपर्क टूट गया है, ऐसे में इनके साथ किसी अनहोनी के होने का अनुमान भी लगाया जा रहा है. फिलहाल सेना ने अभी तक हार नहीं माना है और सभी जवानों, अफसरों को खोजने के लिए युद्धस्तर पर अभियान को चलाया है. लेकिन अभी तक इस तरह की खबर पर सेना की तरफ से कोई आधिकारिक बयान या स्पष्टीकरण नहीं किया गया है. जानकारी के लिए बता दें कि ये मुठभेड़ आतंकियों और जवानों के बीच कुपवाड़ा में तलाशी अभियान के 20 घंटे बाद शनिवार के दिन दोपहर से ही शुरू हो गई थी.
मुठभेड़ में फंसा लश्कर का टॉप कमांडर
जानकारी की माने तो मुठभेड़ में लश्कर का टॉप कमांडर अपने साथियों के साथ यहीं पर फंसा हुआ है. बताया जा रहा है कि इससे पहले की हुई मुठभेड़ में करीब दो बार आतंकी मैदान छोड़कर भाग चुके हैं. ऐसे में एक बार शनिवार के दिन आतंकियों और जवानों के बीच देर शाम तक गोलीबारी जारी रही थी. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक ये मुठभेड़ हंदवाड़ा के चंज मोहल्ला में शनिवार को दोपहर के बाद से ही शुरू हुई. इस दौरान आतंकी फिर से सुरक्षाबलों के हाथ से निकल न जाएं, इसके लिए घटना इलाके को चारों तरफ सेही घेर कर रखा है. हालांकि जिस इमलाके में ये आतंकी छिपे हैं वो काफी रिहायशी एरिया है, इसलिए सुरक्षाबलों को आतंकियों के खिलाफ एहतियात के साथ कार्रवाई करनी पड़ रही है.
बताया जा रहा है कि ये तीसरा मौका है जब फिर से आतंकी और सुरक्षाबल इस तरह एक-दूसरे के आमने-सामने हुए हैं. दरअसल शुक्रवार को ही जवानों को खबर मिली थी कि लश्कर का उत्तरी कश्मीर का कमांडर हैदर अपने ग्रुप के साथ मिलकर पाकिस्तान से घुसपैठ करके लौटने वाले एक नए ग्रुप को लेने जा रहा है. ऐसे में सुरक्षाबलों ने आतंकियों की तलाशी अभियान शुक्रवार से ही चली दिया था, जो पूरा 20 घंटे तक चलता रहा था. जिसमें हंदवाड़ा के रजवाड़ा वडरबाला जंगल इलाके में सुरक्षाबलों ने शुक्रवार दोपहर को सेना की 21 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), 9 पैरा, 92 बटालियन सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के जवानों के साथ मिलकर इस इलाके में संयुक्त रूप से तलाशी अभियान चलाया.
फिलहाल इसके बाद सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी की माने तो जैसे ही आतंकियों के छिपे होने वाले डेरे पर सुरक्षाबल पहुंचे. उसके बाद तो आतंकियों की तरफ से जवानों पर फायरिंग की बौछारें की जाने लगी. जिसके बाद बिना देरी किए सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी. लेकिन काफी देर तक चली मुठभेड़ में आतंकी जंग का मैदान छोड़कर जंगल क्षेत्र की तरफ भाग खड़े हुए. लेकिन सेना ने इन्हें ढूंढने के लिए शनिवार को फिर से तलाशी अभियान चलाया. जिसमें एक बार दोबार आतंकियों के साथ जवानों का आमना-सामना हुआ.