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45 लाख की मदद के साथ सरकारी नौकरी देगी सरकार, प्रशासन और किसानों के बीच ये सहमति

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के बाद तनाव बढ़ गया है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के द्वारा कार चढ़ाये जाने से चार किसानों की मौत और समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़प में अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसा में मारे गये चार किसानों के परिजनों को 45-45 रुपए आर्थिक मदद दी जाएगी। मृतक के परिवारों को एक सदस्य नौकरी और मामले की आठ दिन के भीतर जांच कर आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। सोमवार सुबह से दो चरण की बैठक के बाद प्रशासन और किसानों के बीच सहमति बन गई है। सहमति बनने के बाद किसानों ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने की बात कही है। एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि सरकार की तरफ से 45-45 लाख रुपए का मुआवजा और किसान बीमा से पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। परिवार के एक आश्रित सदस्य को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाएगी। प्रशांत कुमार ने बताया कि घायलों को 10-10 लाख रुपये की मदद दी जाएगी। किसानों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। पूरे हिंसा के मामले की हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से न्यायिक जांच भी की जाएगी।

 

नेताओं को लखीमपुर खीरी में एंट्री नहीं

प्रशांत कुमार ने कहा कि जिले में धारा 144 की वजह से किसी भी नेता को एंट्री नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान यूनियन के सदस्यों और किसान नेताओं के आने जाने पर कोई रोक नहीं है।

गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने कही ये बात

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने भी एक प्रेस कांफ्रेंस की और पूरी घटना को एक साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि यह बात सामने आ रही है कि एक व्यक्ति जो मरा है वह बहराइच के नानपारा का रहने वाला है जो कि समाजवादी पार्टी के रूद्रपुर यूनिट का जिलाध्यक्ष है। इस हिंसक घटना में ऐसे कई लोग शामिल हैं। मामले में एफआईआर दर्ज कर इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं पर लाठी और तलवारों से हमला किया गया। वीडियो में हमलावर कार्यकर्ताओं को पीटते हुए दिख रहे हैं। यह भी कहते दिख रहें है कि वे मेरा नाम लें कि मैंने ही किसानों को कुचलने के लिए कहा था। मेरे बेटे के खिलाफ आरोप पूरी तरह से निराधार है। अगर वह मौके पर होता तो उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई होती।