गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (Gangotri Highway) पर हेल्गू गाड़ व सुनगर के बीच भारी भूस्खलन के कारण राजमार्ग गुरुवार को पूरे दिन बाधित रहा. बुधवार की शाम को राजमार्ग बाधित हुआ जिसकी वजह से सुनगर से लेकर गंगोत्री धाम के बीच बुधवार से तीन हजार तीर्थयात्री फंसे हुए थे. लेकिन अब 40 घंटे से बंद गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग को कड़ी मशक्कत के बाद बीआरओ द्वारा सुचारु कर दिया गया है. इसके बाद बीआरओ और प्रशासन ने बड़ी राहत ली है.
इस बीच देखा जाए तो राजमार्ग को सुचारू बनाने के लिए की जा रही कार्यवाही के दौरान उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला व पुलिस अधीक्षक भी मौके पर मौजूद रहे. करीब 40 घंटे बाद यात्रियों को बड़ी राहत मिली है. सुनगर और गंगनानी के तक लगा वाहनों के जाम को पूरी तरह से निकाल लिया गया है. यह 40 घंटे बाद बड़ी राहत की खबर बीआरओ और प्रशासन के लिए भी है.
पहाड़ी से रूक-रूक कर पत्थर गिर रहे हैं जिसको देखते हुए जिलाधिकारी ने बीआरओ, पुलिस के अधिकारियों को सावधानी से वाहनों को निकालने के निर्देश दिए हैं. बताते चलें कि इस दौरान तीर्थयात्रियों को खाने-रहने सहित बच्चों को दूध आदि की समस्या से जूझना पड़ा. गंगोत्री धाम में गुरुवार की सुबह हृदय गति रुकने से एक तीर्थयात्री की मौत हो गई थी जिसके शव को भी उत्तरकाशी जिला अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका था.
वहीं, वीरवार की देर रात को जब सुनगर के पास पुलिस का वाहन पहुंचा तो तीर्थ यात्रियों ने जमकर हंगामा काटा और पुलिस वाहन का भी घेराव किया. पुलिस ने तीर्थ यात्रियों से हर्षिल धराली व गंगोत्री लौटने के लिए कहा. लेकिन तीर्थयात्रियों ने कहा कि उनके वाहनों में इतना अधिक डीजल पेट्रोल नहीं है कि वहां फिर से वापस गंगोत्री व हर्षिल जा सकें.