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150 साल पहले हुई थी गायब, PM मोदी की पहल पर माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा कनाडा से आई भारत

उत्तर प्रदेश का वाराणसी शहर महादेव का तो है ही, इसे अन्न क्षेत्र भी कहा जाता है. महादेव ने वाराणसी में ही माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी. वाराणसी में मां अन्नपूर्णा का विशेष महत्व है. माता अन्नपूर्णा की एक प्रतिमा करीब डेढ़ सौ साल पहले चोरी हुई थी. काशी से करीब डेढ़ सौ साल पहले चोरी हुई प्रतिमा कनाडा पहुंच गई थी. काशी से करीब डेढ़ सौ साल पहले चोरी होकर कनाडा पहुंची मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा फिर से काशी में स्थापित होने जा रही है. इस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ 15 नवंबर को काशी में करेंगे. जानकारी के मुताबिक 11 नवंबर को अन्नपूर्णा माता की प्रतिमा दिल्ली से सुसज्जित वाहन से वाराणसी के लिए रवाना होगी. प्रतिमा के रास्ते में पड़ने वाले कई जिलों में पड़ाव होंगे जहां मां अन्नपूर्णा का स्वागत सत्कार किया जाएगा. अन्नपूर्णा माता की मूर्ति प्रधानमंत्री की पहल पर वापस आ रही है. कहा जा रहा है कि मूर्ति श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में स्थापित किए जाने की संभावना है. हालांकि, इसकी औपचारिक घोषणा अभी नहीं हुई है.

मां अन्नपूर्णा की प्राचीन प्रतिमा काशी में स्थापित होगी. मां अन्नपूर्णा की मूर्ति कनाडा सरकार ने भारत वापस भिजवा दिया है. माता अन्नपूर्णा की इस प्राचीन प्रतिमा के एक हाथ में अन्न और दूसरे में खीर है. 11 नवंबर को इसे दिल्ली से सुसज्जित वाहन के जरिए लाया जाएगा. दिल्ली से माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा लेकर चला वाहन 12 को अलीगढ़ होते हुए कन्नौज में रुकेगा और इसके बाद 13 को कानपुर में, 14 को रामनगरी अयोध्या पहुंचेगा. हर जगह विश्व का भरण पोषण करने वाली देवी अन्नपूर्णा का सत्कार किया जाएगा. 15 नवंबर को मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा अपने और महादेव की नगरी काशी पहुंचेगी.

माता अन्नपूर्णा की ये प्रतिमा कनाडा से वापस लाने की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में मन की बात कार्यक्रम में की थी. जानकार बताते हैं कि 150 साल पहले काशी से मां अन्नपूर्णा की मूर्ति के गायब होने की जानकारी मिलती है. काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी बताते हैं कि मूर्ति के भारत आने से सांस्कृतिक गौरव की पुनर्वापसी हुई है. धर्मनगरी काशी में 15 नवंबर को उदया तिथि के मान के तहत प्रबोधिनी एकादशी है. इस दिन भगवान विष्णु चातुर्मास के बाद जागते हैं. इसी शुभ दिन मां अन्नपूर्णा अपने धाम काशी वापस आएंगी.