फेसबुक ने अपनी एक टेक्नोलॉजी को बंद करने का फैसला लिया है। जिसमें किसी दूसरे व्यक्ति के साथ खींच कर अपलोड की गई आपकी तस्वीर को अब फेसबुक Auto Tag नहीं करेगा। इसकी ऑफिसियल घोषणा फेसबुक ने कर दी है। असल में, फेसबुक पर आरोप लगे कि वह खुद के फायदे के लिए यूजर्स की प्राइवेसी का हनन कर रहा है जिसके बाद अपनी छवि सुधारने के लिए कंपनी ने इस प्रकार का कदम उठाया है। फेसबुक के अनुसार वह फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी को बंद करेगा और साथ ही एक अरब से भी अधिक लोगों के फेसप्रिंट भी मिटाएगा।
इससे पहले जब भी आप फेसबुक पर किसी अन्य व्यक्ति के साथ खींची गई तस्वीर को अपलोड करते थे तो फेसबुक आपके साथ फोटो में मौजूद उस व्यक्ति को खुद ही टैग कर देता था। यह सब कुछ फेसबुक अपनी फेस डिटेक्शन टेक्नोलॉजी (Face Detection Technology) से करता था। फेसबुक अपने यूजर्स के चेहरों को अपने सर्वर पर सेव रखता है और इसी का इस्तेमाल करते हुए फेस डिटेक्शन टेक्नोलॉजी की सहायता से किसी यूजर की तस्वीर में मौजूद लोगों के चेहरों को डिटेक्ट करके टैग कर देता था। मगर इस टेक्नोलॉजी पर बीते कुछ वक्त से चल रहे प्राइवेसी के हनन के विवाद के चलते फेसबुक ने आने वाले हफ्तों में इसे बंद करने की घोषणा की है।
फेसबुक ने अपने सर्वर पर मौजूद सौकड़ों करोड़ चेहरों को भी हटाने का निर्णय किया है। इसी टेक्नोलॉजी के चलते फेसबुक पर Federal Trade Commission ने वर्ष 2019 में 500 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया था।
फेसबुक की इस टेक्नोलॉजी के विरोध का कारण यूजर्स की निजता का हनन और बायोमेट्रिक इंफॉर्मेशन फेसबुक के पास होने को लेकर थी।