राजधानी दिल्ली (Delhi Crime) में यमुनापार के सीलमपुर इलाके में 10 साल के एक मासूम छात्र (10 year old innocent student) के साथ निर्भया जैसी दरिंदगी (cruelty like nirbhaya) सामने आई है। तीन लड़कों ने बच्चे से कुकर्म कर उसके निजी अंग में लोहे की रॉड डाल दी। रॉड और ईंट से बुरी तरह पीटा। डरे-सहमे छात्र ने किसी को कुछ नहीं बताया। लेकिन तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाया गया तो मानवता को शर्मसार (shame on humanity) करने वाली इस घटना का खुलासा हुआ।
अस्पताल से पुलिस को छात्र के साथ हैवानियत किए जाने की सूचना मिली। हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस ने जब इस बारे में परिजनों से पूछताछ की तो परिवार ने मामला ही दर्ज कराने से ही इंकार कर दिया था। लेकिन काउंसलिंग कराने पर किसी तरह परिवार इसके लिए तैयार हुआ। इसके बाद इस पुलिस ने कुकर्म और पॉक्सो समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपी दो नाबालिग लड़कों को पकड़ लिया है।
आईसीयू में भर्ती है मासूम
दोनों लड़कों को जेजे बोर्ड में पेश किया गया, जहां से उनको बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। उधर पीड़ित फिलहाल एलएनजेपी अस्पताल की आईसीयू में भर्ती है। हैवानियत का शिकार पीड़ित छात्र परिवार के साथ सीलमपुर इलाके में रहता है। वह सरकारी स्कूल में पांचवीं कक्षा का छात्र है। आरोप है कि 18 सितंबर को सुनसान जगह पर ले जाकर तीन लड़कों ने छात्र के साथ जबरन कुकर्म किया।
डराने के लिए रॉड डाली
विरोध करने पर आरोपियों ने रॉड और ईंट से उस पर हमला किया। इसके बाद उन्होंने उसे डराने-धमकाने के लिए उसके निजी अंग में रॉड डालकर यह धमकाया कि किसी से घटना के बारे में बताया तो और भी बुरा हश्र करेंगे। डर के मारे छात्र ने भी किसी को कुछ नहीं बताया। लेकिन 22 सितंबर को उसकी तबीयत बिगड़ी तो उसे अस्पताल ले गया। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ।
दो आरोपी पीड़ित के दोस्त, दोनों नाबालिग
डीसीपी संजय कुमार सैन ने बताया कि परिवार ने बयान देने से मना कर दिया था। 24 सितंबर एक एनजीओ की मदद से मासूम की मां की काउंसलिंग करवाई तो परिजन शिकायत देने को तैयार हुए। दोनों आरोपी पीड़ित के दोस्त हैं। इनकी उम्र 11-12 साल के बीच है। एक लड़का तो पीड़ित का रिश्ते का भाई भी है। तीसरे की तलाश जारी है।
महिला आयोग का पुलिस को नोटिस
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बताया कि लड़के की मां ने महिला आयोग से शिकायत की थी। लड़के की हालत फिलहाल गंभीर है। महिला आयोग ने पुलिस को नोटिस जारी कर अब तक की कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। मामले में 28 सितंबर तक जवाब देने और सभी आरोपी क्यों गिरफ्तार नहीं हुए, इसके बारे में पूछा गया है।