ईडी की कार्रवाई को चुनौती देने वाली झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की। कोर्ट ने इस पर ईडी को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई 6 मई से शुरू हो रहे हफ्ते में मुकर्रर की है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि इस बीच झारखंड हाईकोर्ट के पास इसी मामले को लेकर हेमंत सोरेन की याचिका पर सुरक्षित रखा गया फैसला सुनाने का विकल्प खुला है।
दरअसल, हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी के बाद झारखंड उच्च न्यायालय में रिट दाखिल की थी, जिस पर 28 फरवरी को एक्टिंग चीफ जस्टिस एस. चंद्रशेखर और जस्टिस नवनीत कुमार की बेंच ने सुनवाई पूरी करने पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब तक इसपर कोई फैसला नहीं आया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी में हेमंत सोरेन की ओर से कहा गया है कि फैसला नहीं आने से वह लोकसभा चुनाव के प्रचार में भाग नहीं ले पा रहे हैं।
सोरेन के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से किए गए आग्रह में कहा है कि हाईकोर्ट का फैसला न आने से सोरेन के समक्ष दुविधा की स्थिति है, क्योंकि वह कानूनी उपायों के लिए न तो आगे बढ़ सकते हैं और न ही पीछे जा सकते हैं। सिब्बल ने यह भी कहा कि ईडी के हलफनामे को पूरी तरह से स्वीकार करें, तो भी सोरेन की संलिप्तता नहीं दिखती है।
गौरतलब है कि सोरेन को 31 जनवरी को ईडी ने जमीन घोटाले में करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था।
ईडी की कार्रवाई को चुनौती देते हुए सोरेन ने 31 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में भी एसएलपी दाखिल की थी, लेकिन जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने हेमंत सोरेन को पहले झारखंड हाईकोर्ट जाने को कहा था।