कर्नाटक पुलिस (Karnataka Police) ने हिजाब मामले में (In Hijab Case) आदेश सुनाने वाली (Pronounced Orders) हाईकोर्ट की विशेष पीठ में शामिल जजों को धमकी देने वाले (Pronounced Orders) एक अन्य आरोपी (Another Accused) जमाल मोहम्मद उस्मानी (Jamal Mohammad Usmani) को शुक्रवार को गिरफ्त में ले लिया.
उस्मानी को तमिलनाडु पुलिस ने गिरफ्तार किया था और फिर उसे कर्नाटक पुलिस को सौंपा गया था। कर्नाटक पुलिस ने उसे अदालत के समक्ष पेश किया। अदालत ने उस्मानी को आठ दिन की पुलिस हिरासत में भेजे जाने का आदेश दिया।
इससे पहले पुलिस ने एक अन्य आरोपी कोवई रहमतुल्ला को भी हिरासत में लिया है। पुलिस ने कहा कि वह देशहित के खिलाफ काम करने वाले पूरे सिंडिकेट की जांच कर रही है। दोनों आरोपी तमिलनाडु तौहीद जमात संगठन से जुड़े हैं। इनके खिलाफ तमिलनाडु और कर्नाटक में कई शिकायतें दर्ज हैं।
कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस खाजी जैबुन्निसा मोहियुद्दीन की विशेष पीठ ने हिजाब पहनने संबंधी याचिकाओं को खारिज करते हुये कहा था कि हिजाब इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं है।
इस फैसले के खिलाफ तमिलनाडु के कई संगठनों ने विरोध किया था। ऐसे ही एक विरोध प्रदर्शन के दौरान आरोपी कोवई रहमतुल्ला द्वारा दिये गये भाषण का वीडियो बाद में वायरल हो गया।
वीडियो में आरोपी कह रहा था कि झारखंड के एक जिला जज को मॉर्निग वॉक के दौरान गाड़ी से कुचल दिया गया था और लोग जानते हैं कि कर्नाटक के चीफ जस्टिस कहां मॉर्निग वॉक के लिये जाते हैं।
इसके बाद तमिलनाडु के भाजपा अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी के अन्नामलई ने मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एम एन भंडारी से इसकी जांच कराने का आग्रह किया।
कर्नाटक पुलिस ने वकील सुधा काटवा की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था। कर्नाटक पुलिस ने हाईकोर्ट के जजों की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी है।