पाकिस्तानी एजेंट नुसरत मिर्जा के दावे के बाद पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी मुश्किल में पड़ गए हैं. बीजेपी लगातार उनके बहाने कांग्रेस पर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ के आरोप लगा रही है, साथ में पूर्व उपराष्ट्रपति को भी घेरने की कोशिश कर रही है. इस बीच हामिद अंसारी ने फिर से अपना पुराना बयान दोहराते हुए कहा कि वह पाकिस्तानी पत्रकार मिर्जा को नहीं जानते और न ही उन्होंने कभी उसे मुलाकात का न्योता दिया. हामिद अंसारी ने कहा कि किसी भी मौके पर नुसरत मिर्जा से उनकी मुलाकात नहीं हुई है.
पाकिस्तान के एक पत्रकार नुसरत मिर्जा ने दावा किया था कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के कार्यकाल के दौरान उसने पांच बार भारत का दौरा किया था और उसने यहां से हासिल संवेदनशील गोपनीय दस्तावेज पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को मुहैया कराए थे. इसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और एक फोटो का हवाला देते हुए दावा किया कि भारत में एक सम्मेलन के दौरान हामिद अंसारी ने नुसरत मिर्जा के साथ मंच शेयर किया था.
हामिद अंसारी ने पहले भी नुसरत मिर्जा के दावों को झूठ का पुलिंदा करार देते हुए खारिज कर दिया था और कहा था कि उन्होंने इस पत्रकार से कभी मुलाकात नहीं की है और ना ही उसे कभी भारत आमंत्रित किया. बीजेपी ने मिर्जा के दावों का हवाला देते हुए पिछले दिनों कहा था कि अंसारी ने उसके साथ कई संवेदनशील और खुफिया जानकारी शेयर की थी. भाजपा ने अंसारी पर पाकिस्तानी पत्रकार को भारत आमंत्रित करने का आरोप भी लगाया था. मिर्जा ने यह भी दावा किया था कि उसने सीक्रेट इन्फो आईएसआई को मुहैया कराई थी.
बीजेपी ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर निशाना साधा. पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक फोटो दिखाई, जिसमें अंसारी और मिर्जा 2009 में भारत में आतंकवाद के मुद्दे पर हुए एक सम्मेलन में मंच साझा करते नजर आ रहे हैं. भाटिया ने कहा कि संवैधानिक पदों पर आसीन किसी व्यक्ति का जब कोई कार्यक्रम होता है तो उसके प्रोटोकॉल के तहत उनका कार्यालय यह जानकारी हासिल करता है कि उस कार्यक्रम में कौन-कौन शामिल होंगे.
हालांकि इस आरोप के जवाब में अंसारी ने कहा कि आयोजक मेहमानों की लिस्ट तैयार करते हैं और इसमें विदेश मंत्रालय की सलाह भी ली जाती है. नुसरत मिर्जा के दावों को खारिज करते हुए हामिद अंसारी ने कहा था कि उन्होंने 11 दिसंबर, 2010 में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और मानवाधिकारों पर न्यायविदों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया था और जैसा कि सामान्य परंपरा है, आयोजकों की ओर से आमंत्रित लोगों की लिस्ट तैयार की गई होगी. साथ ही उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तानी पत्रकार को न भी उनकी ओर से न्योता दिया गया और न ही उससे मुलाकात हुई थी.