आंवला विटामिन C का सबसे शानदार स्त्रोत होता है | ये हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है, जो रोगो से लड़ने में हमारी मदद करती है | वैसे आंवले का सिर्फ स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि इसका धार्मिक महत्व भी है | धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवले में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है |
इतना ही नहीं कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी के रूप में मनाया जाता है | आज हम आपको आंवले से जुड़े कुछ उपाय बताने जा रहे है, जो आरोग्य के साथ सौभाग्य भी प्रदान करते है | तो आइये जानते है, आज की इस पोस्ट में आपके लिए क्या खास है |
आंवले का रस स्वास्थ्य के लिए ही लाभकारी साबित नहीं होता है | ज्योतिष के अनुसार आंवले के रस को शरीर पर लगाकर स्नान करने से गरीबी से छुटकारा मिलता है | धन और ऐश्वर्य के स्त्रोतों में वृद्धि होती है, और धन से जुडी अन्य समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है |
आंवला जीवन की समस्याओ से भी छुटकारा दिलाता है | धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दोनों पक्षों यानि शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को जो व्यक्ति आंवले के रस का प्रयोग कर स्नान करता है | उसके समस्त पापो का नाश होता है और और जीवन की समस्याओ से भी मुक्ति मिलती है | साथ ही देवी देवताओ की कृपा भी उस पर बनती है |
यदि आप जीवन के कष्टों से मुक्ति पाना चाहते है, तो सप्तमी तिथि को आंवले का दान करे | इस तिथि पर आंवले दान करने से पुण्य प्राप्ति होती है और कष्टों से मुक्ति मिलती है | ऐसा भी बताया जाता है कि इस दिन आंवले के दान से इच्छापूर्ति भी होती है |
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रतिदिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से ब्रह्मा, विष्णु और महेश की कृपा बनती है | साथ ही माँ लक्ष्मी का भी प्राप्त होता है, इससे जीवन में सुख शांति और सौभाग्य बढ़ता है | शास्त्रों में बताया गया है की रविवार, शुक्रवार, प्रतिपदा, षष्ठी, नवमी, अमावस्या और संक्रांति को आंवले का सेवन नहीं करना चाहिए |