Breaking News

सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर दिया बड़ा फैसला, OBC और SC- ST छात्र सामान्य सीट पर एडमिशन पाने के लिए होंगे हकदार

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मंगलवार को आरक्षण को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया गया. देश क़े उच्चतम न्यायलय ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें आरक्षण का लाभ ले रहे मेधावी छात्रों को सामान्य श्रेणी की सीट पर दाखिला नहीं देने का फरमान सुनाया गया था.

 

याचिकाकर्ताओ की अपील स्वीकारते हुए सुनाया फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के मेधावी छात्र यदि अपनी योग्यता के आधार पर सामान्य कोटे की सीटों पर दाखिला पाने के पात्र हैं, तो उनको रिजर्वेशन वाली सीटों पर दाखिला नहीं मिलना चाहिए. जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राम नरेश उर्फ रिंकू कुशवाहा और अन्य की तरफ से दाखिल अपील स्वीकारते हुए यह फैसला सुनाया.

यह भी पढ़े –  VPCI Delhi Jobs: वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट दिल्ली में आई विभिन्न पदों पर भर्ती, आप भी भेजे अपना आवेदन

MP में MBBS सीटों पर नामांकन से जुड़ा मामला

पीठ का कहना है कि ओबीसी, एससी और एसटी श्रेणियों के छात्र अगर अपनी योग्यता के आधार पर अनारक्षित यानी सामान्य कोटे में दाखिला पाने के हकदार हैं, तो उन्हें अनारक्षित सीटों पर ही दाखिला मिलना चाहिए. अगर इस पूरे मामले के बारे में बात करें तो यह मामला मध्य प्रदेश में एमबीबीएस सीटों पर नामांकन से जुडा है. कुल सीटों का 5% सरकारी स्कूल (जीएस) के छात्रों के लिए रिज़र्व था. मध्य प्रदेश शिक्षा प्रवेश नियम 2018 के नियम 2 (जी) के अनुसार कई सीटें खाली रह गईं.

यह भी पढ़े –  दिल्ली- एनसीआर में इस दिन से पलटेगा मौसम, मौसम विभाग ने जारी किया अगले तीन दिन के लिए बारिश का अलर्ट

हाई कोर्ट में याचिका कर दी गई थी खारिज

सीटों कों जीएस- UR श्रेणी से ओपन श्रेणी में ट्रांसफर कर दिया गया. दायर याचिका में प्रार्थना की गई कि आरक्षित श्रेणी के मेधावी छात्र, जिन्होंने सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की है उन्हें अनारक्षित श्रेणी के सरकारी स्कूल कोटे के तहत एमबीबीएस में दाखिला दिया जाना चाहिए. याचिकाकर्ताओं ने सरकारी स्कूलों से पास मेधावी छात्रों को सामान्य सीट पर एमबीबीएस में दाखिला नहीं दिए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण ली थी, लेकिन यहां उनकी याचिका खारिज कर दी गई.

यह भी पढ़े –  आ गई बड़ी खुशखबरी! दिल्ली मेट्रो के चौथे फेस को लेकर आ गई जबरदस्त अपडेट, इस रूट पर हुआ काम पूरा

पुराने मामले के निर्णय पर किया भरोसा

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने सौरव यादव एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के मामले में पारित अपने पहले क़े निर्णय पर भरोसा करते हुए यह फैसला दिया है. यह मामला मध्य प्रदेश में मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला से संबंधित है, जिसमें ‌आरक्षित श्रेणी के मेधावी छात्रों को सामान्य कोटे में दाखिला देने से इनकार कर दिया गया था.