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सीएम धामी की घोषणा, शहीदों के परिवार को मिलेंगे ‌10 हजार, बच्चों को कोचिंग में मदद

आज कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) की 22वीं वर्षगांठ है. इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने गांधी पार्क पहुंचकर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी भी मौजूद रहे. वहीं, रुद्रपुर में भी विधायक राजकुमार ठुकराल समेत प्रशासनिक अधिकारियों ने पुलिस लाइन में शहीदों को श्रद्धांजलि दी.

कारगिल विजय दिवस पर आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गांधी पार्क में पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने शहीद परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया. कारगिल विजय दिवस पर मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिवार के लिए कुछ घोषणाएं भी की. इसमें पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार दूसरे विश्व युद्ध के बाद शहीद हुए जवानों के परिवारों को 8000 की जगह अब 10,000 देने जा रही है. इसके अलावा हल्द्वानी में पूर्व सैनिकों के बच्चों को पढ़ाने के लिए छात्रावास बनाने की भी मुख्यमंत्री ने घोषणा की है.

उन्होंने कहा कि विभिन्न सैनिक परिवारों ने देश के खातिर अपनों को खोया है. ऐसे में देश की जिम्मेदारी है कि वे इन परिवारों का पूरा ख्याल रखे और राज्य सरकार संयुक्त परिवारों के हितों का ध्यान रखती रहेगी. सरकार एसएसबी और सीडीएस परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सैनिक परिवारों के बच्चों को कोचिंग के लिए 50,000 की मदद देगी. इसके अलावा सरकार वीर नारियों के सम्मान के लिए भी विभिन्न बड़े कार्यक्रम आयोजित करेगी.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल शहीद नागा रेजीमेंट के नायक स्व. श्री देवेन्द्र सिंह रावत के कौलागढ़ स्थित आवास जाकर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

वहीं, रुद्रपुर में भी कारगिल दिवस के मौके पर पुलिस लाइन में अमर जवान ज्योति स्मारक पहुंचकर विधायक राजकुमार ठुकराल और डीएम समेत कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी.

विधायक ठुकराल ने कहा कि आज से 22 वर्ष पूर्व कारगिल की चोटियों पर पाकिस्तानियों ने कब्जा कर लिया था. जिस पर देश के जवानों ने पाकिस्तान से लोहा लेते हुए उन्हें वहां से खदेड़ कर कारगिल पर तिरंगा फहराया था. आज की युवा पीढ़ी को ऐसे वीर जवानों से प्रेरणा लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि देश के जवानों की शहादत को देश कभी भूल नहीं सकता और देश की रक्षा करने वाले ऐसे रणबांकुरों को शत शत नमन है.