Breaking News

सावन के महीने में दूध-दही का सेवन करना होता है वर्जित, जानें बड़ी वजह

आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि सावन (Sawan) माह में दूध (Mikl), दही (Curd) और इनसे बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। मगर यदि किसी से ये सवाल करो कि क्यों नहीं खानी चाहिए तो इसका जवाब कुछ ही लोगों के पास होगा वरना इसका जवाब कोई जल्दी नहीं दे पाता। हम आपको इस सवाल का जवाब हैं कि आखिर सावन के महीने में दूध, दही और इनसे बनी चीजों का सेवन क्यों नहीं करना चाहिए।

पहला कारण कीड़े मकोड़े

सावन के महीने में बारिश के कारण जगह-जगह घास और कई तरह के हरे पेड़-पौधे अपने आप उगने लगते हैं। इस मौसम में कई प्रकार के कीड़े-मकोड़े भी इन घास और पौधों में पनपने लगते हैं। चारे के तौर पर गाय, भैंस और बकरी इसी घास को चरते हैं, और चारे के साथ ये कीड़े-मकोड़े दूध देने वाले पशुओं के पेट में भी चले जाते हैं। जिसके कारण ये हानिकारक तत्व के तौर पर दूध में भी मिल सकते और दूध के सेवन के माध्यम से इनके आपके शरीर में पहुंचने का खतरा बना रहता है। इसी वजह से सावन के महीने में दूध पीने के लिए मना कर दिया जाता है। इसी के बाद दूध से ही दही और पनीर जैसी कई चीजें बनाई जाती हैं, जिसके कारण इनका सेवन न करने की सलाह भी सावन के महीने में ही दी जाती है।

दूसरा कारण पाचन तंत्र

बारिश के मौसम में ज्यादातर लोगों का का पाचन तंत्र कमज़ोर पड़ जाता है। जिसके कारण दूध और दही या फिर इनसे बनी चीजों का सेवन करने से कई बार अपच, गैस, पेट दर्द, उल्टी, दस्त और एसिडिटी जैसी पेट सम्बन्धी परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं। इसी वजह से सावन के महीने में दूध, दही और इनसे बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

तीसरा कारण इम्यून सिस्टम

बारिश के मौसम में तमाम प्रकार के बैक्टीरिया वातावरण के साथ पानी में भी होते हैं। क्योंकि हर किसी के घर में वाटर प्यूरीफायर नहीं होता है और अधिकतर लोग टैप वाटर का ही प्रयोग करते हैं। इसलिए इस पानी के दूध में मिले होने की संभावना अधिक हो जाती है। दूध के सेवन से या दूध से तैयार दही और पनीर जैसी चीजों के माध्यम से ये बैक्टीरिया आपके शरीर में पहुंचने का खतरा बन जाता है। जिसके कारण इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो सकता है और आपको उल्टी, दस्त, पेट में दर्द, मरोड़ और ऐंठन जैसी दिक्कतों के साथ खांसी, ज़ुकाम और बुखार जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं।