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सालों पहले हुआ था धरती पर विनाश, फिर हो सकता है ऐसा भयानक हादसा, एक्सपर्ट्स ने किया दावा

अंतरिक्ष में ऐसे कई चीजें हैं जो धरती के लिए लाभकारी भी हैं तो नुकसादायी भी. बस जरूरत है थोड़ी सावधानी बरतनी की. सालों से ऐसे दावे किए जाते हैं कि, धरती इस दिन खत्म हो जाएगी पर ऐसा कुछ नहीं हुआ. पर आपको ये जानकर वाकई हैरानी होगी कि, 6.60 करोड़ साल पहले जब एक बहुत बड़ा उल्कापिंड धरती से टकराया था तो धरती पर मौजूद करीब 75 फीसदी जीव-जंतु मर गए थे और सालों तक आसमान में सिर्फ धुआं ही नजर आता है. एक तरह से धरती पर सूरज का प्रकाश भी पहुंचता था और दिन में रात नजर आती थी.

धरती पर मंडराया बड़ा खतरा
पर इस घटना से पहले एक बड़ी और भयानक हादसा हुआ था जिससे धरती के सारे पेड़-पौधे और समुद्री जीव-जंतुओं की मौत हो गई थी. इसी तरह की एक और घटना को लेकर वैज्ञानिकों ने आशंका जाहिर की है. दरअसल करीब 36 करोड़ साल पहले जब ओजोन परत में छेद हुआ था तो पृथ्वी का सामूहिक विनाश हो गया था इसमें पेड़-पौधों से लेकर समुद्री जीव-जंतु तक मर गए थे. इस बात की जानकारी मिली है साइंस एडवांसेस मैग्जीन की एक नई रिसर्च से. जिसमें ओजोन लेयर का जिक्र किया गया है.

धरती पर थी सिर्फ आग ही आग
रिसर्च रिपोर्ट की मानें तो जब 36 करोड़ साल पहले धरती पर भयानक हादसा हुआ था तो धरती के चारों तरफ भीषण गर्मी थी और आग ही आग नजर आती थी. वैज्ञानिकों को इस बात की जानकारी तब हुई जब उन्होंने कुछ पुरातन पत्थरों पर शोध किया जिसमें पाया गया कि, पत्थरों के छिद्रों में बहुत ही सूक्ष्म पौधे हैं और इन पर अध्ययन करने से पता चला कि, कुछ पौधे तो पूरी तरह सही थे लेकिन कुछ ऐसे भी थे जो जलकर खाक हो चुके थे.

पौधे जलकर खाक कैसे हुए जब ये सवाल वैज्ञानिकों के भीतर आया तो उन्होंने पौधों के डीएनए पर अध्ययन किया. जिससे खुलासा हुआ कि, सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों की वजह से पौधे जल चुके हैं. लेकिन वैज्ञानिक हैरान रह गए क्योंकि ओजोन परत ही हमें सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाती हैं लेकिन धरती पर इतना बड़ा हादसा ओजोन परत की वजह से हो चुका है ये वैज्ञानिकों के लिए वाकई बहुत बड़ी जानकारी और खुलासा है.

इस वजह से हुआ हादसा
धरती पर भयानक हादसा कैसे हुआ और इसके पीछे की क्या वजह थी इस बात की तह तक जाने के लिए वैज्ञानिकों ने फिर अध्ययन किया तो मालूम हुआ कि, सालों पहले जब ओजोन परत में छेद हुआ था तो इससे धरती पर गर्मी बढ़ी और जब गर्मी बढ़ी तो ज्वालामुखी के भीतर हलचल पैदा होने लगी और कई देशों में ज्वालामुखी फटने लगे इससे सिर्फ चारों तरफ तबाही का मंजर पैदा हो गया था. जीव-जंतु, पेड़-पौधे आदि सबका विनाश हो गया. अब एक्सपर्टस का दावा है कि, धरती पर एक बार फिर से ऐसा ही बड़ा हादसा हो सकता है.