रिर्पोट : गौरव सिंघल, विशेष संवाददाता, दैनिक संवाद,सहारनपुर मंडल।
सहारनपुर। अध्यक्ष उ0प्र0 माटीकला बोर्ड ओम प्रकाश गोला प्रजापति की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में माटी कला से जुडे कामगारों को आवंटित पट्टों की वस्तुस्थिति, उनकी संख्या तथा उन पर हुए अवैध कब्जों के संबंध में समीक्षा बैठक की गयी। इसके साथ-साथ अध्यक्ष महोदय द्वारा उ0प्र0 माटी कला बोर्ड द्वारा संचालित माटी कला टूल-किट्स वितरण योजना, मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना, माटीकला कौशल विकास योजना, माइक्रो माटीकला कॉमन फैसेलिटी सेंटर योजना, माटीकला विपणन विकास सहायता एवं प्रचार-प्रसार योजना एवं माटीकला पुरूस्कार योजना की बिन्दुवार समीक्षा की गयी।
इस अवसर पर जिला ग्रामोद्योग अधिकारी दीपक चन्द्र पंत द्वारा अवगत कराया गया कि माटीकला टूल किट्स का वितरण निःशुल्क किया गया है तथा मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के तहत 10 लाख का लोन जिसमें 25 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है। इससे संबंधित कोई भी आवेदन अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। इसके साथ-साथ माटीकला से जुडे लोगों का 03 और 07 दिनों का प्रशिक्षण कराया जा रहा है। माटीकला प्रोत्साहन योजना के तहत इस येाजना से जुडे 03 लोगों को पुरूस्कार वितरण किया जा चुका है। विपणन विकास सहायता के तहत हमारे द्वारा इस कला से जुडे लोगों के लिए समय-समय पर स्टॉल लगाये जाते हैं। इस कला से जुडे कामगारों को मिट्टी से संबंधित पट्टों की समस्याओं के संदर्भ में इनकी समस्याओं से अवगत होने के बाद अध्यक्ष महोदय द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिए कि पट्टों की संख्या को लक्ष्य तक ही सीमित न रखें। मांग के अनुसार पट्टे आवंटित किये जाएं।
उन्होंने मिट्टी खुदाई के लिए आवंटित पट्टों से शत-प्रतिशत अवैध कब्जे हटवाए जाने के निर्देश दिए। साथ ही अवैध कब्जाधारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जाएं। उन्होंने जिला प्रशासन से मिट्टी के कामगारों को विपणन के लिए नगर निकायों एवं ग्राम पंचायतों में एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराने की भी अपील की जिस पर वे अपने उत्पदों की बिक्री एवं प्रदर्शनी कर सकें। उन्होने कहा कि विद्यालयों के माध्यम से भी बच्चों को बताया जाए कि मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए कितना लाभदायक है। उन्होने माटी कला से जुडे लोगों से कहा कि परम्परागत तरीकों में बदलाव करके आगे बढें और वर्तमान में समाज की मांग के अनुसार सुन्दर और अच्छे बर्तनों का निर्माण करें।
उन्होंने कहा अपने उत्पादों का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया के माध्यम से भी किया जाए तथा ऑनलाइन बिक्री की जाए एवं मिट्टी के बर्तनों के फायदे को भी बताते हुए कहा कि यह न केवल प्लास्टिक का विकल्प है बल्कि बीमारियों से भी मुक्ति का साधन बन रहा है। उन्होंने कहा कि मिट्टी के बर्तनों तथा अन्य वस्तुओं को बनाने में आधुनिकता का प्रयोग करें एवं इस संदर्भ में विशेषज्ञों की सलाह लें। इस अवसर पर माटीकला व्यवसाय से जुडे लोगों को कई प्रेरक प्रसंग बताकर उनसे कहा कि यह व्यवसाय राष्ट्रभक्ति के साथ ही आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत करेगा तभी इस व्यवसाय के कामगारों का सामाजिक रूप से भी उन्नयन होगा। उन्होंने पट्टों के अधिक आवंटन करने पर उप जिलाधिकारी सदर की सराहना की तथा अन्य उपजिलाधिकारियों से भी ऐसी ही अपेक्षा की। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन डॉ. अर्चना द्विवेदी, उप जिलाधिकारी सदर सुश्री किंशुक श्रीवास्तव, उप जिलाधिकारी रामपुर मनिहारान सुश्री संगीता राघव, उप जिलाधिकारी देवबन्द दीपक कुमार, खादी ग्रामोद्योग अधिकारी दीपक चन्द्र पंत तथा माटीकला से जुडे कामगार उपस्थित रहे।