गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद किसानों के आंदोलन को लेकर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं. नए कृषि कानूनों के विरोध में दो महीनों ने गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डालकर बैठे किसानों को हटाने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है.
उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यननाथ ने सभी डीएम और एसएसपी को आदेश दिया है कि वे राज्य में चल रहे सभी किसान आंदोलनों को समाप्त करें.
इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मेरे किसानों को मारने की कोशिश की जा रही है. मैं यहां से खाली नहीं करूंगा. ये वैचारिक लड़ाई है. किसानों के साथ अत्याचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर कानून वापस नहीं हुआ तो मैं आत्महत्या कर लूंगा. भावुक होकर रोते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि किसान को मारने की कोशिश की जा रही है. मैं किसानों को बर्बाद नहीं होने दूंगा.
उधर, पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसानों से आज सड़क खाली करने को कहा. गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की वॉटर सप्लाई काट दी गई है. पुलिस ने यहां लगाए गए पोर्टेबल टॉयलेट भी हटाने शुरू कर दिए हैं.
वहीं, किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि जबरदस्ती से किसान आंदोलन बंद नहीं होगा. जब तक सांस चलेगी तब तक लड़ेंगे. अभी हमारी कोई योजना नहीं है. अभी हम मीटिंग करेंगे. पता नहीं सरकार क्या-क्या षड्यंत्र करती है.