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समुद्र में भारत की ताकत में बढ़ोतरी, नौसेना में शामिल हुई आधुनिक तकनीक से लैस पनडुब्बी ‘आईएनएस वागिर’

केंद्रीय आयुष और रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने मुंबई के मझगांव डॉक पर 5वीं स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी ‘आईएनएस वागिर’ को लाॉन्च किया। इससे समुद्र में भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ेगी। केंद्रीय राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अरब महासागर में पनडुब्बी ‘आईएनएस वागिर’ को लॉन्च किया। पनडुब्बी का निर्माण रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स द्वारा किया गया था।

Indian Navy's Fifth Scorpene-Class Submarine, INS Vagir, Launched; Two  Other Submarines In Sea Trials To

गौर करने वाली बात ये है कि इसे प्रोजेक्ट 75 (P75) को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। पनडुब्बियों के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर फ्रेंच सहयोगी नौसेना समूह के साथ काम कर रहा था, इस सौदे के साथ 23 हजार करोड़ रुपए से अधिक की कीमत थी। आईएनएस कलवरी, छह स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों में से पहली, 2015 में शुरू की गई थी। एमडीएल देश के प्रगतिशील स्वदेशी युद्धपोत निर्माण कार्यक्रम में हमेशा सबसे आगे रहा है।

 

आधुनिक तकनीक से लैस है आईएनएस वागिर
रडार से बचने के लिए पनडुब्बी में आधुनिकतम टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया गया है। जैसे कि आधुनिक ध्वनि को सोखने वाली तकनीक, कम आवाज और पानी में तेज गति से चलने में सक्षम आकार। इसमें दुश्मन पर सटीक निर्देशित हथियारों से हमले की भी क्षमता है। यह पनडुब्बी टॉरपीडो से हमला करने के साथ और ट्यूब से लांच की जाने वाली पोत रोधी मिसाइलों को पानी के अंदर और सतह से छोड़ सकती है। एमडीएल के मुताबिक पानी के भीतर दुश्मन से छिपने की क्षमता इसकी विशेषता है, जो पूरी तरह से सुरक्षित है और अन्य पनडुब्बियों के मुकाबले इनका कोई तोड़ नहीं है।