कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भेजे गये नोटिस को राजनैतिक दुर्भावना से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को अपमानित करने के षडयंत्र का नतीजा बताते हुए कहा कि दोनों नेता सोमवार को अन्य पार्टी नेताओं के साथ सत्याग्रह पदयात्रा कर ईडी के दफ्तर जायेंगे।
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री पायलट ने रविवार को यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आजादी के आंदोलन की आवाज नेशनल हेराल्ड न्यूज पेपर और कांग्रेस अलग नहीं है। आजादी के संघर्ष में योगदान देने और अंग्रेजी हुकूमत को जड़ से उखाड़ने के लिए नेशनल हेराल्ड न्यूज पेपर की शुरूआत हुई थी। ऐसोसिएटेड जनरल लिमिटेड कंपनी ने इसका प्रकाशन किया।
पायलट ने इस प्रकरण की पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि पंडित जवाहर लाल नहेरू, सरदार पटेल, आचार्य नरेन्द्र देव, रफी अहमद किद्वई और अनेक देशभक्तों के सानिध्य में इस समाचार पत्र को 1937 में आरंभ किया गया था। अंग्रेजों को इस अखबार से इतना खतरा महसूस हुआ कि ब्रिटिश हुकूमत ने कांग्रेस द्वारा चलाये गये “भारत छोड़ो” आंदोलन के समय 1942 से 1945 तक इस अखबार को बंद करवा दिया था।
उन्होंने कहा कि आज फिर उस समय की अंग्रेजी हुकूमत का समर्थन करने वाली विचारधारा ‘आज़ादी के आंदोलन की इस आवाज़’ को दबाने का घिनौना षडयंत्र कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस षडयंत्र के मुखिया स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और ईडी उनका हथियार है। पायलट ने बताया कि इस फर्जी और षड़यंत्रकारी मामले को लेकर पूरे देश में कांग्रेसजनों में आक्रोश का माहौल व्याप्त है।
उन्होंने कहा कि सोमवार को सुबह कांग्रेस पार्टी के समस्त सांसद, विधायक, पूर्व सांसद एवं पूर्व विधायक, कांग्रेस कार्यकारिणी के सदस्य और प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारीगण कांग्रेस प्रमुख सोनिया और राहुल गांधी के साथ सत्याग्रह कार्यक्रम के तहत ईडी दफ्तर तक पदयात्रा करके जायेंगे। उन्होंने ऐलान किया कि इसके साथ ही उत्तर प्रदेश समेत देशभर के सभी प्रदेश मुख्यालयों पर भी कल सत्यग्रह कार्यक्रम चलाया जायेगा।
पायलट ने कहा कि देश को गुमराह करने के लिए आये दिन मुद्दों को भटकाने की राजनीति में माहिर मोदी सरकार अब बदले की भावना में अंधी हो गई है। जिस मानसिकता ने अंग्रेजों का साथ दिया था, आज ‘गुलामी की प्रतीक’ वो मानसिकता आज़ादी की कुर्बानियों से प्रतिशोध ले रही है। इस बार उन्होंने एक नई कायराना व डरपोक साजिश के तहत नेशनल हेराल्ड मामले में अब प्रधानमंत्री ने कांग्रेस नेतृत्व को ईडी से नोटिस जारी करवाया है।
पायलट ने सवाल उठाया कि नेशनल हेराल्ड जब आर्थिक संकट से गुजर रहा था, तब कांग्रेस पार्टी ने 2002 से 2011 तक 10 साल में 90 करोड़ रूपये का ऋण दिया था, क्या यह कोई अपराध है? उस ऋण से नेशनल हेराल्ड ने अपने कर्मचारियों के वेतन और प्रकाशन के अन्य ऋण का भुगतान किया, क्या यह भी कोई अपराध है? राजनीतिक पार्टी द्वारा किसी को भी ऋण देना अपराध नहीं हैं।उन्होंने दलील दी कि एसोसिएटेड जनरल लिमिटेड कंपनी जो 1937 से कांग्रेस पार्टी की विचारधारा का प्रचार-प्रसार कर रही है, उसकी मदद करना कोई अपराध नहीं है। कांग्रेस पार्टी चुनाव की अपनी ऑडिट रिपोर्ट भी जमा करा चुकी है, जिसे चुनाव आयोग ने भी अपराध नहीं माना था।