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सऊदी अरब में इस बार के हाजियों की लिस्ट जारी, 150 देशों से 60 हजार लोगों को चुना गया

सऊदी अरब ने इस साल हज करने वालों की लिस्‍ट जारी कर दी है। सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्रालय के हवाले सऊदी प्रेस एजेंसी ने इसकी जानकारी दी है। इस लिस्‍ट में 60 हजार लोगों को चुना गया है। मंत्रालय ने कहा है कि हज के लिए जिन लोगों को इजाजत दी गई है, उनमें 150 देशों के लोग हैं। इस बार जो लोग हज चाहते थे, उनके आवेदन दाखिल करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा दी गई थी।

कुल 558,270 लोगों ने आवेदन भरा था

मंत्रालय ने कहा हज के लिए कुल 558,270 लोगों ने अपना आवेदन भरा था। इसमें 59 फीसद पुरुष और 41 फीसद महिलाएं थीं। मंत्रालय ने कहा कि हज के लिए योग्य और सही उम्मीदवारों के चयन के समय कई बातों का ध्यान रखा गय।, जैसे उनकी उम्र और क्या वे इससे पहले कभी हज गए हैं या नहीं। इसके अलावा कोविड प्रोटोकॉल का भी विशेष ध्यान रखा गया। दुनिया में कोरोना महामारी के मद्देनजर जून में सऊदी ने यह एलान किया था कि वह इस साल के हज के लिए केवल 60 हजार लोगों को ही हज की इजाजत देंगे। मंत्रालय ने हज जाने के लिए चुने गए सभी लोगों से कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने की अपील की है। हज पर आने वाले लोग बिना पहले से अपॉइंटमेंट लिए वैक्सीन की दूसरी खुराक ले सकेंगे। मंत्रालय ने साफ किया है कि श्रद्धालुओं इस्लामी कैलंडर के आखिरी महीने धुल-हिज्जाह की सात और आठ तारीख को बस से मक्का ले जाया जाएगा।

2016 में कुल 83 लाख लोग हज के लिए सऊदी आए थे

वर्ष 2016 में कुल 83 लाख लोग हज के लिए सऊदी आए थे। इनमें से 60 लाख से ज्यादा लोग सउदी के धार्मिक केंद्र अल-उमरा भी गए थे। पिछले दशक में औसतन हर बरस 25 लाख मुसलमानों ने हज किया। बता दें कि साल के एक खास समय में ही हज यात्रा की जाती है। इसके अलावा सऊदी ने हज आने वाले लोगों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए हरेक देश का एक कोटा तय कर रखा है। हज करने वालों की एक बड़ी संख्‍या सऊदी में ही रह रहे लोगों की भी होती है। इसमें कोई शक नहीं कि उनमें से कई लोग अलग-अलग देशों के नागरिक होते हैं। पिछले दस सालों में सऊदी के अंदर से हज करने वाले मुसलमानों की संख्या दूसरे देशों से आने वाले तीर्थयात्रियों की तुलना में तकरीबन आधी रहती है। दुनिया भर में मुसलमानों की जितनी आबादी है, उसका महज दो फीसद ही सऊदी में रहते हैं, लेकिन पिछले दस साल से हाजी मुसलमानों का एक तिहाई इस मुल्क में रहता है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि यहां के लोगों के लिए हज करना सस्ता पड़ता है।