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संवेदनहीन चेहरा उजागर: कूलर की हवा में सोता रहा कर्मचारी, जिला अस्पताल में मरीज ने तड़पकर तोड़ा दम

यूपी के बांदा में जिला अस्पताल नर्सिंग स्टाफ का संवेदनहीन चेहरा सामने आया है. यहां इलाज के अभाव में एक मरीज की तड़पकर सिर्फ इसलिए मौत हो गई क्योंकि वार्ड में भर्ती मरीजों की देखभाल का जिम्मेदार नर्सिंग स्टाफ ड्यूटी रूम को अंदर से बंद कर रात भर सोता रहा. परिजनों ने बकायदा इसका वीडियो भी बनाया. लगभग 3 मिनट की क्लिप में साफ देखा जा सकता है कि बर्न वार्ड के नर्सिंग ड्यूटी रूम के अंदर किस तरह ऑन-ड्यूटी कर्मचारी बेधड़क सो रहा है और परिजन बाहर परिजन दरवाजा खोलने की मिन्नतें कर रहे हैं, लेकिन उस पर इसका कोई असर नहीं हो रहा. बाद में इलाज के अभाव में मरीज ने दम तोड़ दिया. परिजनों ने दोषी स्टाफ के खिलाफ अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है.

जानकारी के अनुसार, दो दिन पहले राजा दादू (50) नाम के व्यक्ति को बुरी तरह जल जाने के बाद जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, यहां उसे बर्न वार्ड में एडमिट कर लिया गया. परिजनों के मुताबिक, रात 12 बजे के बाद उनके मरीज को ड्रिप चढ़नी थी. लेकिन इसे लगाने के बजाय मेडिकल स्टाफ ड्यूटी रूम को अंदर से बंद कर खर्राटे भरते हुए सोते रहे. सुबह 7 बजे तक भी वह नहीं उठे. इस दौरान मरीज की हालत बिगड़ती चली गई और बाद में उसकी इलाज के अभाव में मौत हो गई.

मरीज की पत्नी और भाई ने बदहवास हालत में बताया, “रात में हमारे मरीज को बोतल चढ़नी थी लेकिन मेडिकल स्टाफ कमरे को अंदर से बंद कर कूलर चलाकर सोते रहे. हम सबने बहुत आवाज़ लगाई पर उन्हें कोई असर नहीं हुआ, बाद में हमारे मरीज ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. ” परिजनों का दावा है कि रात भर उन्होंने छोटे से लेकर बड़े हर अधिकारी को फोन लगाया पर किसी ने उनकी मदद नहीं की. उधर, अपने स्टाफ की करतूत से शर्मसार मेडिकल अधिकारी सवालों से नजर चुराते रहे. बांदा जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर उदयभान ने बताया कि दोषियों के खिलाफ जांच कराकर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि परिजनों ने रात में उन्हें फोन नहीं किया, अगर फोन आता तो वह ज़रूर उठाते, उनका फोन कभी बंद नहीं रहता. फिर भी दोषी कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा.