जब व्यक्ति कोइ्र ऐसी बीमारी से पीड़ित हो जाये जिसे समाज के सामने छिपाना पड़ता है तो जीवन बड़ा ही मुश्किल हो जाता है। ब्राजील के रियो डि जेनेरो के रहने वाले रोजर माॅन्टी ऐसी ही समस्या से गुजर रहे हैं। रोजर माॅन्टी एक बेहतरीन माॅडल हैं जो इस बीमारी और दिनचर्या को एक साथ जी रहे हैं। उन्हें त्वचा से सम्बन्धी दिक्कत है। इसके बावजूद इसके वह मॉडलिंग करते हैं। खुद की सच्चाई को स्वीकारते हैं और दूसरे के सामने जैसे वो हैं वैसे ही आते हैं। शरीर पर पड़े धब्बे और त्वचा की बदलती स्थिति को पहले वह बहुत छिपाते थे।
रोजर 10 वर्षों तक अपनी इस हकीकत से मुंह मोड़ते रहे। उन्होंने मेकअप करके 10 वर्ष तक मॉडलिंग किया। रोजर 23 वर्ष के थे, उसी दोरान उन्हें पता चला कि उन्हें विटिलिगो (एक तरह का त्वचा रोग) हो रहा है। उनके परिवार में यह रोग किसी को नहीं है। त्वचा का रोग बढ़ने के साथ ही उनका हौसला टूटने लगा। उन्होंने सोचा कि अब उनकी लाइफ ओवर है। इस त्वचा के रोग के बाद समाज के लोगों ने उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी। जब लोग उनसे दूरी बनाते थे तो उन्हें काफी बुरा लगता था।
रोजर के पास कोई नहीं आता था। रोजर मेकअप के साथ मॉडलिंग करने लगे। त्वचा के रोग को छिपाने के लिए हमेशा मेकअप करते रहे। साल 2016 में वो जिम में कुछ दोस्तों से मिले। उन्होंने रोजर को अपने असली फेस, वास्तविक चेहरा के साथ मॉडलिंग करने के लिए कहा। उन्होंने रोजर का हौसला बढ़ाया। दोस्तों की सलाह और प्रेरणा पर रोजर ने मेकअप करना छोड़ दिया। अब रोजर को मानना है कि जो उन्हें पसंद करता है उसे उनकी त्वचा से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। इसके बाद उनकी काफी सराहना भी हुई।
इसके बाद से रोजर काफी खुश हैं। उनकी मॉडलिंग क्षमता और काम में भी सुधार आया है। विश्वास बढ़ गया है। ज्यादातर समय वो बाहर ही बिताते हैं। रोजर की जिन्दगी से लोगों को प्रेरणा मिलती है कि कई बार असलियत ज्यादा जरूरी हो जाती है। जो दुनिया देखना चाहती है वो दिखाने से अच्छा पहले ये सोचो कि आपको खुशी कहां मिलती है। जिसमें आपको खुशी मिलती है वो ही जिंदगी है।