पैर, हाथ या गले में कई लोग काला धागा (black thread) धारण करते हैं. इसके पीछे कई कारण होते हैं. धर्म और ज्योतिष में काला धागा धारण करने के फायदे बताए गए हैं. काले रंग का संबंध शनि देव (Shani Dev) से है. हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या (new moon) को शनि जयंती मनाई जाती है. इस साल 30 मई को शनि जयंती है. इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए किए गए उपाय तेजी से असर दिखाते हैं. ऐसे जातक जिनकी कुंडली में शनि दोष है या वे शनि की साढ़े साती-ढैय्या (half-seven-day) से ग्रसित हैं, उन्हें इस दिन जरूर उपाय कर लेने चाहिए. इन उपायों में काला धागा धारण करना भी शामिल है.
काला धागा बांधने से होता है सकारात्मकता का संचार
ज्योतिष, वास्तु (Architectural) के अनुसार शरीर पर काला धागा बांधने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मकता दूर जाती है. इसके अलावा पैर में काला धागा बांधने से शनि के साथ-साथ राहु-केतु (Rahu-Ketu) ग्रहों के प्रकोप से भी राहत मिलती है. इससे शनि दोष (Shani Dosha) दूर होता है और शनि दोष के कारण आने वाली समस्याओं से बचाव भी होता है.
ये है पैर में काला धागा बांधने का सही तरीका
वैसे तो पैर में काला धागा बांधना ज्यादा सही है लेकिन हाथ में या गले में धारण करना चाहें तो ऐसा भी कर सकते हैं. जिन लोगों के पैरों में अक्सर दर्द रहता है, उन्हें बाएं पैर में ही काला धागा बांधना चाहिए. वहीं जिन लोगों को पेट में दर्द की शिकायत हो, वे पैर के अंगूठे में काला धागा बांधें. बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों के असर से बचने के लिए भी काला धागा बहुत उपयोगी है. काला धागा पहनने से शनि दोष के अलावा राहु-केतु के बुरे असर से भी निजात मिलती है. याद रखें कि विधि-विधान से काला धागा धारण करने से ही इसका पूरा फायदा मिलता है.
– वैसे तो शनि जयंती का दिन काला धागा धारण करने के लिए सर्वश्रेष्ठ है. इसके अलावा शनिवार के दिन भी काला धागा पहन सकते हैं.
– काले धागे में 9 गांठ लगाएं, इसके बाद इसे शनि मंदिर या भैरव मंदिर में जाकर धारण करें. ऐसा करने से बेहतर नतीजे मिलते हैं.
– काला धागा शुभ मुहूर्त में धारण करें, जैसे अभिजीत या ब्रह्म मुहूर्त.
– काला धागा पहनने के बाद 21 बार शनि के बीज मंत्र का जाप करें.