हिंदू धर्म में हर दिन किसी ना किसी देवी-देवता को समर्पित होता है. ऐसे में शनिवार (Saturday) के दिन शनिदेव की पूजा की जाती है. शनिदेव(Shanidev ) को न्याय का देवता माना जाता है. शनि देव को धर्म व न्याय का प्रतीक और सुख-संपत्ति, वैभव और मोक्ष देने वाला ग्रह माना जाता है. मान्यता है कि धर्मराज होने की वजह से शनि पापी व्यक्तियों के लिए दुख और कष्टकारक (painful) होते हैं, लेकिन ईमानदारों के लिए यह यश, धन, पद और सम्मान का ग्रह है. ऐसे में अगर आप भी शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा (Worship) करते हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखना काफी जरूरी होता है वरना आप अनजाने में शनिदेव को नाराज कर सकते हैं.
शनिदेव की पूजा करते समय इन बातों का रखें खास ख्याल
तांबे के बर्तनों से ना करें शनिदेव की पूजा- शनिदेव की पूजा में कभी भी तांबे के बर्तनों(copper pots) का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. तांबे का संबंध सूर्य देव से होता है और भले ही शनिदेव सूर्य पुत्र हैं लेकिन वह सूर्यदेव के परम शत्रु हैं. ऐसे में शनिदेव की पूजा में हमेशा लोहे के बर्तनों का ही इस्तेमाल करना चाहिए.
इन रंगों के प्रयोग से बचें-
शनिदेव को काला रंग (black color) प्रिय हैं ऐसे में इस दिन काले या नीले रंग के कपड़े ही पहनने चाहिए. वहीं इस दिन लाल रंग के कपड़े बिल्कुल भी नहीं पहनने चाहिए. लाल रंग मंगल ग्रह का प्रतीक होता है जो कि शनिदेव के शत्रु ग्रह हैं.
इस दिशा में करें पूजा-
शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करते समय पश्चिम दिशा की ओर मुख करके पूजा करनी चाहिए. आमतौर पर पूजा पूर्व दिशा की ओर मुख करके की जाती है लेकिन शनिदेव को पश्चिम दिशा का स्वामी माना जाता है इसलिए पूजा भी इसी दिशा में की जाती है.
पूजा के समय ना देखें शनिदेव की आंखों में-
शनिदेव की पूजा करते समय उनकी प्रतिमा के सामने खड़े होकर पूजा नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा पूजा के समय शनिदेव की आंखों में नहीं देखना चाहिए.
इस चीज का लगाएं भोग-
अगर आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस दिन शनिदेव को तिल, गुड या खिचड़ी का भोग लगाना काफी अच्छा माना जाता है.