राहुल गांधी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आरएसएस और अजीत डोभाल ने देश पर अग्निवीर योजना थोपी है. उन्होंने कहा, करीब 3600 Km यात्रा की और इसमें काफी कुछ सीखने को मिला. जनता की आवाज हिंदुस्तान की आवाज है, उसको गहराई से सुनने का मौका मिला. शुरुआत में मैंने सोचा था कि 3500 किलोमीटर चलने हैं. मुश्किल है, मगर किया जा सकता है. आप भी राजनेता हो, हम भी राजनेता है. चाहे सेवक कह लीजिए.
उन्होंने कहा, आजकल की राजनीति में हमारा पुराना ट्रैडिशन था, जो पैदल चलने को, उसको हम सभी भूल गए या पालन नहीं करते हैं. उसमें मै भी और आप भी शामिल है. कोई गाड़ी, कोई हवाई जहाज और कोई हेलीकाप्टर में जाता है, पैदल कम चलते हैं. जब पैदल चला जाता है, मैं 1,2,10 या 100 किलोमीटर की बात नहीं कर रहा हूं. 200 से 300 किलोमीटर की बात कर रहा हूं, तो शरीर पर दबाव आता है.
‘बंद हो गई थी बेरोजगाई और महंगाई की बात’
राहुल ने कहा, शुरुआत में हम लोगों की बात सुन रहे थे, लेकिन हम सोचते थे कि हमें भी अपने बात करनी चाहिए. लोग हमारे पास आते थे और कहते थे कि हमारे पास काम नहीं है. थोडी देर चलने के बाद एक बदलाव आया और हमारी बेरोजागरी और महंगाई की बात बंद हो गई. मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं सुना था.
हमको अहंकार होता है कि हम भी अपनी बात कहें. 500 से 600 किलोमीटर चलने के बाद गहराई से हमने बात समझ में आई और यात्रा हमसे बोलने लगे. युवा हमारे पास आते थे और कहते थे कि हमारे पास नौकरी नहीं है. किसान आते थे कि तूफान आता है, बारिश आती है, सबकुछ बर्बाद हो जाता है.जमीन छीन ली जाती है.
अग्निवीर योजना से युवा सहमत नहीं
वनवासियों ने कहा कि जो ट्राइबल बिल में हमें दिया जाता था, वो छीन लिया गया है. बेरोजगारी, महंगाई और किसान मुख्य मुद्दे थे. किसान बिल, एमएसपी, बीज और अग्निवीर की भी बात सामने आई. हिंदुस्तान का युवा जो सुबह 4 बजे उठकर दौडता था, वो आपसे सहमत नहीं है.
उसने हमने सकहा कि पहले हमें 15 साल की नौकरी और उसके बाद पेंशन मिलती थी, लेकिन अब हमें 4 साल के बाद ही निकाल दिया जाएगा. ऑर्मी के लोगों ने कहा कि यह अग्निवीर योजना हमें आरएसएस से आई है. हम हजारों लोगों को ट्रेनिंग दे रहे हैं और फिर उनको समाज में डाल रहे हैं. जिसके बाद बेरोजगार है और उससे अपराध बढेंगे. अजीत डोभाल ने यह योजना ऑर्मी पर थोपी है.