जहाँ लॉकडाउन ने लोगों के रोजगार छीन लिये,आर्थिक विकास के पैये जाम हो गए लेकिन एक कहानी ऐसी भी है कि लॉकडाउन ने एक युवा किसान को अमरूद ने 25 लाख रुपये कमाकर दिए।हमेशा अकाल के लिए जाना जाता है मराठवाड़ा इलाका इसी इलाके के तुलजापुर तहसील के मसला खुर्द गाँव के युवा किसान सोमेश वैद्य और परिवार ने कोरोना लॉकडाउन में जून 2020 में अमरूद के 10 हज़ार पेड़ लगाए। ड्रिप सिंचाई के माध्यम से पेड़ों को उर्वरक और पानी प्रदान करके 18 महिनों में अमरूद की फ़सल निकाली गई.
पिछले 3 महिनों में कुल 100 टन अमरूद बागान से निकाले गए और उन्हें सोलापुर, उस्मानाबाद, लातूर, बेलगाम, अहमदनगर मंडी में व्यापारियों और मार्केट कमिटी बेचा गया जहाँ सोमेश को 25 लाख रुपये का उत्पादन प्राप्त हुवा। इस अमरूद की फ़सल ने स्थानीय महिलाओं को लॉकडाउन में रोजगार भी उपलब्ध करवाया। एक तरफ पानी की किल्लत से उस्मानाबाद के किसान जूझ रहे है लेकिन सोमेश ने खेती को स्थायी रूप से पानी उपलब्ध कराने के लिए आधुनिक तरीके से 1 एकड़ में तालाब बनवाए हैं और 2 कुओं के माध्यम से बडी मात्रा में पानी जमा किया।
किसान सोमेश वैद्य भोसरी के विधायक महेश लांडगे के निजी सहायक के रूप में भी कार्यरत हैं अमरुद खेती के अलावा सोमेश ने केशर आम और सिताफल की 2000 पेड लगाए है इसका उत्पादन अगले में 2 साल मे उपलब्ध होगा।