राजस्थान के जालौर में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. बिजली विभाग के लाइनमैन के सीने में गोली फंस गई लेकिन उसने बिल्ली का झपट्टा समझते हुए नजरअंदाज किया. 7 घंटे बाद उसे पता चला कि सीने में गोली फंसी हुई है. उसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया. बता दें कि लाइनमैन के पास अन्य तीन लाइनमैन सोए थे जिन्होंने ना तो कोई फायर सुना ना ही किसी भी प्रकार की आहट हुई. ऐसे में उनके बयान भी हैरान कर रहे हैं.
दरअसल, घटना जालौर जिले के रानीवाड़ा पुलिस थाना क्षेत्र के मालवाड़ा ग्राम पंचायत में स्थित कोटड़ा जीएसएस पर गुरुवार की रात एक लाइनमैन हिंडौन सिटी निवासी नेमीचंद (35) को गोली लग गई. यह गोली 10 घंटे तक लाइनमैन के शरीर में फंसी रही, जिसे अगले दिन शुक्रवार दोपहर 12 बजे ऑपरेशन कर निकाला गया. सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि लाइनमैन को सीने में गोली फंसने का 7 घंटे तक तो अंदाजा भी नहीं था. उसका कहना है कि रात 2 बजे उसे दर्द महसूस तो हुआ लेकिन वह समझा कि शायद बिल्ली ने झपट्टा मारा होगा.
घटनास्थल के हालात और इस कहानी पर पुलिस को भी यकीन नहीं हो रहा है क्योंकि उसके पास ही तीन और लाइनमैन भी सोए हुए थे, उन्हें भी पता नहीं चला. सुबह जब करीब 9 बजे साथी कर्मचारी को गोली का खोल मिलने के बाद उन्हें संदेह हुआ. बहरहाल, सांचौर अस्पताल में ऑपरेशन के बाद गोली निकाल दी गई है और लाइनमैन की हालत अब स्थिर है. रानीवाड़ा थानाधिकारी पदमाराम के अनुसार अज्ञात के खिलाफ धारा 307 में मामला दर्ज कर जांच की जा रही है, जल्द ही खुलासा करेंगे.
पुलिस को दी रिपोर्ट के अनुसार, नेमीचंद ने बताया कि 12 बजे फॉल्ट निकालने के बाद जीएसएस पर बने कमरे में तीनों लाइनमैन सो गए. रात को 2 बजे महसूस हुआ कि शरीर में गर्म घुसा है. एक बार अचानक उठकर पड़ोस में सो रहे सुरेश के ऊपर गिर गया. उसे लगा कि बिल्ली ने नाखून का झपट्टा मारा होगा, क्योंकि बिल्ली कमरे में घूम रही थी. फिर पानी पीकर वापस सो गया. उसका कहना है कि सुबह जब दर्द हुआ तो मालवाड़ा चिकित्सालय में दर्द का इंजेक्शन लगवा कर वापस आ गया. तब मेरे साथ में रह रहे कर्मी सुरेश ने मुझे खाली मैगजीन का कवर दिखाया. उसके बाद शरीर में गोली लगने का शक हुआ. उसके बाद हमने पुलिस को इन्फॉर्म किया एवं रानीवाड़ा चिकित्सालय आए जहां एक्स-रे करने पर पता चला की गोली अभी अंदर ही है.
इस घटना को लेकर गोली निकालने वाले डॉक्टर वरधाराम देवासी ने बताया कि गोली हार्ट के निचले हिस्से में लगी है. पसलियों को सीधी हिट ना करके थोड़ी दिशा बदलते हुए पसलियों और चमड़ी के बीच मांस में तिरछी चली जाने से गहरी नहीं गई. गोली 15 सेमी तक शरीर के अंदर गई है. रिब्स केव (पसलियों के बीच एक हिस्सा) में फंसने से दिल, पसलियों और पेट के भीतर नुकसान नहीं हुआ. चमड़ी व रिब्स केव के बीच रहने से वहां पर घाव पड़ गया था लेकिन युवक की जान बच गई. गोली लगने के बाद पता नहीं चलना, ऐसा मामला तो पहली बार ही सुना है. इस मामले को लेकर रानीवाड़ा थानाधिकारी पदमाराम ने बताया कि सूचना मिली कि लाइनमैन नेमीचंद जो कि मालवाड़ा के जीएसएस में बने हुए हॉल में रहता है, उसके सीने में घाव का निशान था. उसे लगा कि कोई कीड़ा काट गया होगा और फिर सो गया. इसके बाद सुबह पता चलने पर पुलिस को सूचना दी जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची और नेमीचंद को रानीवाड़ा लाया गया. इसके बाद प्राथमिक उपचार किया गया. इसके पश्चात उसे सांचौर रेफर किया गया जहां उसका ऑपरेशन हुआ. पीड़ित की ओर से दी गई रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान किया जा रहा है. इस मामले में बारीकी से जांच की जा रही है.