राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 को अपनी स्वीकृति दे दी है। इससे साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) विधेयक, 1972 में संशोधन किया जा सकेगा। इसके अलावा राष्ट्रपति ने सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान करने के लिए राज्यों को सशक्त बनाने वाले संविधान (105वें संशोधन) अधिनियम, 2021 को भी अपनी सहमति दे दी है।
संविधान (105वें संशोधन) अधिनियम, 2021 संसद द्वारा 11 अगस्त, 2021 को पारित किया गया था। कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा जारी किए गए भारत के राजपत्र में कहा, ‘अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 338B को खंड (9) में संशोधित करेगा, और एक प्रावधान सम्मिलित करेगा- बशर्ते कि इस खंड में कुछ भी अनुच्छेद 342A के खंड (3) के प्रयोजनों के लिए लागू नहीं होगा।’
अधिनियम के अनुसार, प्रत्येक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश, कानून द्वारा, अपने उद्देश्यों के लिए, सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की एक सूची तैयार और बनाए रख सकता है, जिसमें प्रविष्टियां केंद्रीय सूची से भिन्न हो सकती हैं।
इससे पहले, मराठा कोटा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा लाए गए मराठा समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण को यह कहते हुए रद कर दिया था कि यह पहले लगाए गए 50 फीसद की सीमा से अधिक है।