राफेल डील को लेकर फ्रांस में जांच के आदेश के बाद देश की राजनीति गर्मा गई है. कांग्रेस ने केंद्र की मोदी पर एक बार फिर जमकर निशाना साधा. राहुल गांधी ने इस मामले की JPC जांच की मांग कर दी है. उन्होंने तंज कसते हुए ‘चोर की दाढ़ी…’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया है. राफेल डील पर रविवार को कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि आजादी के बाद जितनी भी सरकारें आई हैं, सब ने राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीरता से लिया है. लेकिन मोदी सरकार ऐसी है जो राष्ट्रीय सुरक्षा का स्वांग तो पूरा रचती है, लेकिन जब इन्हें अपने पूंजीपति साथियों की जेब भरने की प्राथमिकता आती है तब राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि सिर्फ एक नारा बन कर रह जाता है.
कांग्रेस ने कहा कि नए खुलासों के साथ पूरे दुनिया में राफेल (Rafale deal case) की चर्चा हो रही है. फ्रांस में राफेल डील में मनी लॉन्ड्रिंग भ्रष्टाचार के मामलों पर जांच शुरू हो गई है. इस बात को 24 घंटे हो गए हैं लेकिन पूरा देश दिल्ली की ओर देख रहा है, इंतजार कर रहा और देख रहा है कि सरकार की चुप्पी क्यों है? कांग्रेस नेता ने कहा कि हिम्मत है तो प्रधानमंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस करें और इन सवालों का जवाब दें, फिर 2024 की बात करें. 2021 तक आपने जो कांड किए हैं उसका जवाब दीजिए. तमाम हथकंडे अपनाने दीजिए, अगर इनको दाढ़ी अच्छी नहीं लगती तो उनकी पार्टी का इंटरनल मैटर है. उनकी दाढ़ी में देश को रुचि नहीं है, देश की रुचि है कि 3 गुना कीमत पर जहाज क्यों खरीदे गए. डील में भ्रष्टाचार नहीं होने चाहिए, मिडलमैन नहीं होने चाहिए यह क्लाज क्यों हटाए गए? इससे स्पष्ट हो जाता है कि दाढ़ी में एक नहीं कई तिनके हैं.
JPC जाँच के लिए मोदी सरकार तैयार क्यों नहीं है?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 4, 2021
उन्होंने कहा कि राफेल एक इंटरगवर्नमेंटल डील थी. एक देश ने जांच बिठा दी लेकिन दूसरे ने जांच तो छोड़ो अभी तक चुप्पी साध रखी है. प्रधानमंत्री सिर्फ बोलने के लिए भी जाने जाते हैं लेकिन वह चुप, रक्षा मंत्री, कैबिनेट मंत्री भी चुप. कांग्रेस ने कहा कि इस चुप्पी की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है. जिसको पैसे मिले उसने जांच करवा दी और जो पैसे दे रहा है उसके यहां जांच नहीं चुप्पी है.
एक मिडिल मैन जो प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार हुआ था, लेकिन ईडी ने उन कागजों का क्या किया नहीं पता, लेकिन फ्रांस ने उन कागजों का हवाला देते हुए अप्रैल में खुलासा किया था कि गिफ्ट इस सौदे में दिए गए. कांग्रेस नेता ने कहा कि राफेल दुनिया में सबसे सर्वश्रेष्ठ फाइटर जेट माने जाते हैं. इसीलिए यूपीए सरकार ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को इस सौदे में पार्टनर बनाया और 108 जहाज भारत में बनने की बात उस टेंडर में थी. यूपीए के एग्रीमेंट में एंटी करप्शन क्लाज़ था. यूपीए के टेंडर में 570 करोड रुपए प्रति जहाज का क्लाज़ था. पवन खेड़ा ने कहा कि इस सरकार की चुप्पी से बड़ा कोई सबूत नहीं हो सकता. 2014 में चुनाव जीत गए थे, 2019 में भी चुनाव जीत गए थे. आपमें (मोदी सरकार) हिम्मत है तो आप इन सवालों का जवाब दीजिए.