महाराष्ट्र में उपचुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. ठाकरे गुट के विधायक रमेश लटके के निधन के बाद अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट रिक्त हुई है. अब यह सीट ठाकरे और शिंदे गुट के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है. ठाकरे कैंप ने दिवंगत रमेश लटके की पत्नी ऋतुजा लटके को चुनाव मैदान में उतारा है. दूसरी तरफ, भाजपा ने मुरजी पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है. इन सबके बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को चिट्ठी लिखकर खास आग्रह किया है.
राज ठाकरे के अनुरोध से खलबली मची हुई है. दरअसल, उन्होंने भाजपा से अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर उतारे गए प्रत्याशी को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने इसकी वजह भी बताई भी है. महाराष्ट्र में विधानसभा उपचुनाव 2022 को लेकर राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई हैं. मुंबई की अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है. भाजपा और ठाकरे गुट की ओर से प्रत्याशियों का ऐलान किया जा चुका है.
अब राज ठाकरे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को चिट्ठी लिखकर भाजपा से अपने प्रत्याशी को वापस लेने का अनुरोध किया है. उन्होंने लिखा, ‘प्रिय देवेंद्र फड़णवीस, मैं आपको यह पत्र खास आग्रह के साथ लिख रहा हूं. विधायक रमेश लटके के अचानक निधन से अंधेरी पूव विधानसभा सीट रिक्त हुई, जिसके कारण वहां उपचुनाव कराने की घोषणा की गई है. उनकी विधवा त्रतुजा लटके ने इस सीट से पर्चा दाखिल किया है. रमेश लटके ने बतौर शाखा प्रमुख अपनी यात्रा शुरू की थी. मैं राजनीति के क्षेत्र में उनकी यात्रा और विकास का साक्षी रहा हूं.’
डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस को लिखी चिट्ठी में राज ठाकरे ने कहा, ‘रमेश लटके के निधन के बाद उनकी पत्नी का उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित होना दिवंगत नेता की आत्मा को बड़ी सांत्वना होगी. ऐसे में मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप उपचुनाव में न उतरें और न ही ऋतुजा लटके के खिलाफ कोई प्रत्याशी उतारें.’ राज ठाकरे के इस पत्र सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस से आग्रह करते हुए लिखा, ‘जब भी ऐसी परिस्थिति पैदा होती है जब किसी मौजूदा विधायक का निधन होता है और उनके किसी परिजन को चुनाव मैदान में प्रत्याशी उतारा जाता है तो हमारी पार्टी उम्मीदवार नहीं उतारती है. मृत आत्मा को सांत्वना देने का यह हमारा अपना तरीका है. मैं इन्हीं भावनाओं को ध्यान में रखकर आपसे यह अपील कर रहा हूं. इस तरह की भावनाएं महाराष्ट्र की संस्कृति है. उम्मीद है आप मेरी अपील पर विचार करेंगे.’