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राज्यसभा चुनाव के लिए पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने सोनिया से मांगा सपोर्ट

राज्यसभा में खाली हो रही सीटों के लिए 10 जून को चुनाव होने जा रहा है. कर्नाटक में भी इसी तारीख को वोट डाले जाएंगे. जनता दल (एस) ने बची हुई एक सीट पर डी. कुपेंद्र रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है. मगर पार्टी के पास अपने दम पर जीतने लायक संख्या नहीं है.

लिहाजा पार्टी के सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने सोनिया गांधी से संपर्क कर समर्थन मांगा है. इस बात का खुलासा जद (एस) के नेताओं ने बीते मंगलवार को किया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सी एम इब्राहिम और पूर्व मंत्री एच डी रेवन्ना ने मीडिया के सामने अपनी बात रखते हुए कहा है कि कांग्रेस के सीनियर नेताओं से भरोसा मिलने के बाद ही रेड्डी को चुनावी मैदान में उतारा गया है.

डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पर्याप्त वोट नहीं होने के बावजूद कांग्रेस ने बीते सोमवार को मंसूर अली खान को दूसरे उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में उतारा. खान को मैदान में उतारकर कांग्रेस यह दिखाना चाहती थी कि जद (एस) अपनी धर्मनिरपेक्षता की साख साबित करे. हालांकि जद (एस) ने अब कांग्रेस पर फिर से आरोप लगाया है कि कांग्रेस वास्तव में सांप्रदायिक ताकतों को दूर रखने में दिलचस्पी रखती है, तो वह उनके उम्मीदवार का समर्थन करे.

देवगौड़ा पहले सोनिया गांधी से समर्थन का अनुरोध कर चुके हैं. वहीं कुमारस्वामी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल से बात की थी. जद (एस) के नेताओं ने मल्लिकार्जुन खड़गे, डी के शिवकुमार, आर वी देशपांडे और रामलिंग रेड्डी से भी बात की है.

सी एम इब्राहिम का कहना है, ‘कांग्रेस द्वारा आश्वासन मिलने के बाद ही हमने रेड्डी को चुनाव में उतारा था. जद (एस) के पास 32 वोट हैं. कर्नाटक विधानसभा से एक उम्मीदवार को जीत हासिल करने के लिए 45 वोट की जरूरत है. वहीं कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार के पास केवल 18 वोट ही हैं. इस लिहाज से देखें तो कांग्रेस को हमारे उम्मीदवार का समर्थन करना चाहिए.’ इब्राहिम ने उन अफवाहों को भी बेबुनियाद बताया, जिसमें दावा किया जा रहा था कि देवगौड़ा, रेड्डी की उम्मीदवारी के पक्ष में नहीं थे और इसके लिए उनका कुमारस्वामी के साथ झगड़ा हुआ था.

इब्राहिम ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपना दूसरा उम्मीदवार उतारकर अपने मुस्लिम कैंडिडेट का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस बात को अच्छी तरह जानते हुए दूसरे उम्मीदवार को उतारा है कि उनके पास पर्याप्त वोट नहीं है. इब्राहिम ने सवाल पूछते हुए कहा , ‘उन्होंने जयराम रमेश को अपना दूसरा उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया. कांग्रेस चाहती है कि रमेश जीतें और खान हारें.’ उन्होंने मीडिया के सामने यह भी बताया कि विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के कहने पर ही खान को मैदान में उतारा गया.