Breaking News

राजस्थान बीजेपी में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर खींचतान, वसुंधरा राजे गुट ने शक्ति प्रदर्शन से दिखाया दम

देश में हुए पांच राज्यों के चुनावों में 4 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) की शानदार जीत के बाद इन दिनों देशभर के बीजेपी (BJP) कार्यकर्ताओं में उत्साह की लहर है. वहीं 4 राज्यों में बीजेपी की जीत के बाद अब राजस्थान (Rajasthan) को लेकर काफी चर्चा हो रही है. जहां एक तरफ आम आदमी पार्टी के राजस्थान  में पैर पसारने की कोशिश है वहीं दूसरी ओर राजस्थान बीजेपी में पिछले काफी समय से चल रही खींचतान और वसुंधरा राजे के शक्ति प्रदर्शन (Vasundhara raje) को लेकर भी सियासी गलियारों में दबे मुंह चर्चा हो रही है. राज्यों में जीत के बाद जीत का सेहरा जहां मोदी और शाह के सिर बंधा वहीं राजस्थान को लेकर अब कयास लगाने जाने शुरु हो गए हैं. बीजेपी कार्यकर्ताओं के खेमे अब जानना चाहते हैं कि इस बारे के विधानसभा चुनावों में सूबे से किस चेहरे पर दाव खेला जाएगा.

राजस्थान से कौन होगा चेहरा ?

बता दें कि राजस्थान में 2023 के आखिर में विधानसभा चुनाव होने है जिसके लिए राजस्थान के बीजेपी काडर में कई नाम सामने चल रहे हैं. वहीं बीजेपी में आलाकमान स्तर पर भी सीएम के चेहरे को लेकर अभी स्पष्टता नहीं बनी है. वहीं कुछ समय पहले सतीश पूनिया कह चुके हैं कि हमारे पास एक दर्जन से अधिक सीएम पद के दावेदार हैं.

ऐसे में बीजेपी के आला नेताओं के सामने यही चुनौती है कि 2023 के चुनाव में किस चेहरे पर मैदान में उतरा जाए. वहीं दूसरी तरफ राज्य में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का गुट एक बार फिर राजे को सीएम का दावेदार बनाने की मांग कर रहा है जिसके लिए वसुंधरा राजे मंच और कई तरह के खेमे धरातल भी सक्रिय है.

राजे ने किया शक्ति प्रदर्शन

इधर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी अपने जन्मदिन पर राज्य में चुनावी बिगुल बजा दिया है. हाल में 8 मार्च के दिन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के जन्मदिन को शक्ति प्रदर्शन के रूप में मनाया जिसके बाद ऐसा माना जा रहा है कि राजे ने अन्य खेमे के नेताओं को संदेश देने की कोशिश की है.बता दें कि राजे के इस शक्ति प्रदर्शन में हजारों लोगों की भीड़ पहुंची थी और पार्टी के सांसद और 58 विधायक भी शामिल हुए थे लेकिन राजे के नाम पर संशय 4 राज्यों में बीजेपी की जीत के बाद बढ़ गया है, क्योंकि पार्टी स्तर पर चार राज्यों में बीजेपी की जीत पीएम मोदी के नाम और काम की जीत ही मानी जा रही है.