उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार शीघ्र ही होने वाला है। रविवार को भारतीय जनता पार्टी और संघ के साथ हुई बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार को हरी झंडी मिल गई है। मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नए चेहरों पर भी सहमति बन गई है। सोमवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल दिल्ली पहुंच गये। दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई मंत्रणा के बाद जल्द ही सब तय कर लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि विस्तार में 5 से 7 नए नाम शामिल किए जा सकते हैं। मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख की घोषणा सीएम योगी आदित्यनाथ से चर्चा के बाद की जाएगी।
नहीं हटाया जाएगा कोई मंत्री
बताया जा रहा है कि संघ ने भारतीय जनता पार्टी को मौजूदा कैबिनेट से किसी को भी नहीं हटाने की सलाह दी है। बीजेपी को इससे फायदा होने की बजाए नुकसान हो सकता है। रविवार को लखनऊ में संघ, सरकार और संगठन की समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें सीएम सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, संगठन महामंत्री सुनील बंसल और दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा, संघ के सर कार्यवाह दत्रात्रेय होसबोले ने भागीदारी की। बैठक से लौटने के बाद भारतीय जनता पाटी के स्वतंत्र देव सिंह और सुनील बंसल के साथ मंथन किया। उत्तर प्रदेश संगठन ने संभावित 10 नामों की सूची तैयार करके सोमवार को दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ बैठक की। सूची में 5-7 नाम फाइनल किया गया है। अब गृहमंत्री अमित शाह के साथ भी एक बैठक होनी है जिसके बाद अंतिम निर्णय होगा।
जातीय गणित पर है निशाना
संघ की राय के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपनी जो सूची तैयार की है उसमें जातीय गणित पर विशेष ध्यान दिया है। वर्तमान में योगी मंत्रिमंडल में सीएम के अलावा 22 कैबिनेट मंत्री, 9 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री हैं। कैबिनेट में 60 लोग शामिल हो सकते हैं। नए मंत्रियों को शामिल करते समय यह देखा जाएगा कि कैबिनेट में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बना रहे। कैबिनेट में दलित, पिछड़ा वर्ग के साथ ब्राह्मणों को भी प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है।