भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने कोहराम मचाया हुआ है। इसे देखते हुए कई देशों ने मदद का वादा किया है। इसी क्रम में यूरोपीय संघ भी भारत की सहायता को आगे आया है। यूरोपीय संघ कोरोना से लड़ाई में आपातकालीन फंडिंग में प्रारंभिक 22 लाख यूरो आवंटित करेगा। बता दें कि देश में कोरोना के कारण स्थिति काफी गंभीर है हर दिन यहां संक्रमण के तीन लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसे समय में ब्रिटेन, अमेरिका और खाड़ी देशों समेत कई अन्य देश भारत की मदद कर रहे हैं।
इसके अलावा यूरोपीय संघ कोरोना मरीजों के प्रबंधन और कोविड टेस्टिंग के लिए लैबोरेट्री की क्षमता बढ़ाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के समर्थन में फंडिंग करेगा। कहां से मिल रही कौन सी मदद – गिलीड साइंसेज ने किया रेमडेसिविर की 4.5 लाख डोज तुरंत देने का वादा – भारत में उत्पादन बढ़ाने के लिए कच्चा माल देने का भी दिया आश्वासन – मिस्त्र से खरीदे जा रहे रेमडेसिविर के चार लाख इंजेक्शन; यूएई, बांग्लादेश और उज्बेकिस्तान से भी हासिल करने की कोशिश।
रूस और यूएई से मिलेंगी फेविपिराविर की करीब तीन लाख डोज – अमेरिका से दो विमानों में आज पहुंच सकती है मेडिकल सप्लाई, तीसरा विमान तीन मई को आएगा – अमेरिकी सप्लाई में दो हजार आक्सीजन कंसंट्रेटर्स, 500 आक्सीजन सिलेंडर और 2.8 करोड़ लीटर आक्सीजन उपलब्ध कराने वाले उपकरण शामिल मदद देने वाले प्रमुख देश अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, आयरलैंड, बेल्जियम, रोमानिया, लक्जमबर्ग, सिंगापुर, पुर्तगाल, स्वीडन, न्यूजीलैंड, कुवैत और मारीशस।