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यूपीः इस जिले में व्हाइट फंगस ने बढ़ाई मुसीबत, जानें किन्हें है सबसे ज्यादा खतरा और लक्षण

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. कई राज्यों में ब्लैक फंगस कहर बनकर टूट रहा है और अब व्हाइट फंगस (Black Fungus) ने डॉक्टर्स को टेंशन में डाल दिया है. अभी तक सिर्फ ब्लैक फंगस के मामले सामने आए थे लेकिन अब उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में व्हाइट फंगस (White Fungus) आफत बनकर पहुंचा है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऐसे तीन मरीज मिले हैं जिनमें व्हाइट फंगस के लक्षण हैं और इनका इलाज फिलहाल यहीं पर चल रहा है. हालांकि, व्हाइट फंगस की पुष्टि करने के लिए कल्चर एंड सेंसटिविटी जांच के लिए नमूना लिया गया है जिसकी रिपोर्ट करीब 72-96 घंटे के बीच आएगी.

मिली जानकारी के मुताबिक, जिले में ब्लैक फंगस के मामले पहले से हैं लेकिन व्हाइट फंगस के मामले अभी शुरू हुए हैं. जिससे डॉक्टर्स चिंतित है. जिन तीन मरीजों में लक्षण देखे गए हैं वह कोरोना पॉजिटिव भी हैं और इनका इलाज लगातार जारी है. पर डॉक्टर्स को डर है किwhite fungus symptomsअगर व्हाइट फंगस बढ़ा तो इससे शरीर का कोई अंग प्रभावित ना हो जाए. इसलिए रिपोर्ट के इंतजार के साथ मरीजों को जरूरी दवाएं भी दी जा रही हैं. क्योंकि रिपोर्ट आने में तीन से चार दिन का वक्त लगेगा और इस दौरान संक्रमण बढ़ भी सकता है. शुरुआती जांच में सामने आए लक्षणों के आधार पर तीनों मरीजों का पूरी सतर्कता के साथ इलाज किया जा रहा है.

किन्हें है सबसे ज्यादा खतरा?
व्हाइट फंगस के बारे में अधिक जानकारी देते हुए डॉ अमरेश सिंह ने बताया कि इसका सबसे ज्यादा खतरा कमजोर इम्युनिटी वालों को है. इस बीमारी को कैंडिडा भी कहते है. जिन लोगों को पहले से मधुमेह, एचआईवी की बीमारी है या स्टेरॉयड का प्रयोग करते हैं उन्हें व्हाइट फंगस का खतरा होता है. क्योंकि यह खून के जरिए शरीर के हर अंग पर धीरे-धीरे असर डालती है. फंगस सांस के जरिए नाक में जाता है और फिर पूरे शरीर पर संक्रमण फैलता है. इसके अलावा अगर शरीर के किसी अंग में कोई कट है और वह फंगस के संपर्क में आता है तब भी फंगस हो सकता है.

क्या हैं लक्षण?
डॉक्टर्स की मानें तो व्हाइट फंगस के मामूली लक्षणों में सिर में तेज दर्द, नाक बंद या पपड़ी जमना, उल्टियां, आंखें अचानक लाल होना या सूजन आना शामिल हैं. इसके अलावा अगर जोड़ों में तेज दर्द होता है या सोचने-समझने की क्षमता कम होने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है. क्योंकि कई मामलों में जरूरी नहीं कि मरीज को सिर में दर्द या उल्टियां हों. इसलिए किसी भी तरह का लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से संपर्क करें.